
नईदुनिया प्रतिनिधि, नीमच। जिले में प्याज के दाम लुढ़के तो किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया। प्याज के दाम गिरने से किसानों में नाराजगी का माहौल है। जिले के एक किसान ने खेत में खड़ी प्याज की फसल को रोटावेटर से हंकवा दिया जबकि दूसरे किसान ने पशु की फसल में पशु चरा दिए। किसानों का कहना है कि प्याज की फसल के दाम बेहद कम है, इसके कारण फसल का लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो रहा है।
कृषि उपज मंडी नीमच प्रदेश के बड़ी मंडियों में शामिल होकर ए ग्रेड की मंडी है। मंडी की लहसुन और प्याज के मामले में देश व प्रदेश में एक अलग ही पहचान है। साथ ही जिले में लहसुन और प्याज की पैदावार भी अधिक होती है। मंडी में इन दिनों प्याज की औसत आवक हो रही है लेकिन इसके बावजूद मंडी में प्याज 2 से 15 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है। क्विंटल में आकलन करें तो मंडी में प्याज 200 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल से मान से बिक रहा है। सब्जी मंडी में खेरची में भी प्याज के दाम 10 से 20 रुपये किलो बने हुए हैं। प्याज के दामों में गिरावट से जिले के किसानों के सामने प्याज की फसल का लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो रहा है और किसान इसे लेकर अनूठे तरीके से विरोध भी दर्ज करा रहे हैं।
दो दिन पूर्व जिले की जीरन तहसील के ग्राम कराड़िया महाराज के कृष्णपाल सिंह राणावत ने अपने खेत में खड़ी प्याज की फसल को रोटावेटर से हंकवा दिया और खेत को नई फसल के लिए तैयार कर लिया। वहीं नीमच तहसील के ग्राम रावतखेड़ा के विशाल सिंह पुत्र रतन सिंह ने खेत में प्याज की फसल में पशु चरा लिए और प्याज की फसल का उपयोग पशुओं का पेट भरने में किया। दोनों ही किसानों ने यह कदम प्याज के दाम बेहद कम मिलने पर उठाया। इसी तरह जिले के अन्य क्षेत्रों में प्याज के दाम कम मिलने से किसानों में नाराजगी का माहौल है। किसान प्याज के दाम पर खून के आंसू बहा रहे हैं।
एक निगाह में प्याज की आवक और दाम
दिन — आवक — दाम — माडल दाम
17 नवंबर — 2805 — 311 से 1245 — 600
19 नवंबर — 1525 — 300 से 1161 — 550
20 नवंबर — 1589 — 315 से 1135 — 680
21 नवंबर — 1608 — 295 से 1316 — 700
जानकारी- कृषि उपज मंडी कार्यालय नीमच से प्राप्त। प्याज के दाम न्यूनतम से अधिकतम रुपये प्रति क्विंटल की दर से दर्शाए गए हैं।
किसानों का पक्ष
प्रेमप्रकाश पाटीदार, जयसिंहपुरा
मंडी और बाजार में प्याज के दाम नहीं मिल रहे हैं। किसानो के सामने प्याज के फसल का लागत मूल्य निकालना मुश्किल हो रहा है, ऐसे तो किसान बर्बाद हो जाएगा।
बलवंत पाटीदार, जयसिंहपुरा
वर्षा की अधिकता और बेमौसम वर्षा के साथ बीमारियों ने सोयाबीन की फसल को बर्बाद कर दिया था। अब प्याज की फसल के दाम सही नहीं मिल रहे हैं। किसान बेहद मुसीबत में हैं।
सीताराम धाकड़, नयागांव
किसान हमेशा ही मुसीबत में रहता है। किसानों के सामने हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। फसलों में कम प्रकृति की मार हो जाए, कहा नहीं जा सकता। वर्तमान में प्याज किसानों की परीक्षा ले रहा है।
दिनेश धाकड़, सरवानिया मसानी
वर्तमान हालातों को देखते हुए लगता है कि खेती से दूरी बनाना ही सही रहेगा। सोयाबीन में बर्बाद हो चुका किसान अब प्याज के कारण खून के आंसू बहा रहा है। दाम नहीं मिल रहे हैं।
अधिकारियों का क्या कहना
समीर दास, निरीक्षक कृषि उपज मंडी नीमच ने कहा कि "प्याज की मांग कम होने से प्याज के दाम इन दिनों कम बने हुए हैं। बेमौसम वर्षा के बाद से मंडी में प्याज की आवक भी सामान्य बनी हुई है। मंडी में उपज के दाम बाजार में मांग और आवक के अनुसार व्यापारी तय करते हैं, इन पर किसी का नियंत्रण नहीं रहता है।"