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नईदुनिया प्रतिनिधि, पन्ना। रत्नगर्भा पन्ना की धरती से निकले जिस चमकीले पत्थर ने बीते एक महीने से पूरे जिले में तहलका मचा रखा था, आखिरकार वह हीरा नहीं, बल्कि महज एक साधारण सिलिका क्वार्ट्ज निकला। लगभग 150 कैरेट वजनी इस पत्थर को कुछ पार्टनरों ने कोहिनूर से भी बड़ा बताते हुए करोड़ों की कीमत का दावा किया था, लेकिन हीरा कार्यालय की जांच रिपोर्ट ने सारी चर्चाओं पर पानी फेर दिया।
मैहर निवासी जयबहादुर सिंह ने अपने पार्टनर दयाराम पटेल पर धोखे से 150 कैरेट का बेशकीमती हीरा छिपाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। जयबहादुर का दावा था कि कृष्णा कल्याणपुर की उथली खदान से यह नायाब रत्न मिला है। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि पार्टनर ने करोड़ों का हीरा हड़प लिया है और वह हीरा कार्यालय में इसे जमा करने से इनकार कर रहे है। विवाद के बाद पुलिस ने दयाराम से पत्थर जब्त कर सीलबंद लिफाफे में हीरा कार्यालय भेजा। जिले भर के हीरा कारोबारी और आम जनता सांस रोके जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे थे।
शनिवार को हीरा कार्यालय में अधिकारियों, हीरा पारखी और व्यापारियों की मौजूदगी में पुलिस द्वारा जब्त किया गया यह मिस्ट्री स्टोन खोला गया। विशेषज्ञ अनुपम सिंह ने जैसे ही जांच शुरू की, कुछ ही पलों में चौकाने वाला सच सामने आ गया। जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया, सिविल लाइन चौकी से प्राप्त लिफाफे में मिले पत्थर की विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई है।
परीक्षण में यह स्पष्ट हुआ है कि यह चमकीला पत्थर हीरा नहीं, बल्कि एक सामान्य खनिज सिलिका यानी क्वार्ट्ज है। यह रिपोर्ट सामने आने के बाद करोड़ों की सनसनी कुछ ही देर में सिर्फ कहानी बनकर रह गई। जो पत्थर पन्ना के अब तक के सबसे बड़े हीरे (42 कैरेट) का रिकॉर्ड तोड़ने वाला माना जा रहा था, वह महज एक साधारण क्रिस्टल साबित हुआ।
पन्ना में 18 अक्टूबर को पुलिस द्वारा बरामद किए गए कथित 150 कैरेट के हीरे की हीरा कार्यालय में अधिकारियों, हीरा पारखी और व्यापारियों की मौजूदगी में शनिवार को जांच की गई। जांच में वह स्फटिक पत्थर निकला। जिला खनिज अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि 17 सितंबर को बिलखुरा के खदान संचालक जयबहादुर सिंह ने पुलिस और हीरा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साझेदार दयाराम पटेल ने हीरा हड़प लिया है, जो कि 150 कैरेट तक का हो सकता है, इसके बाद पुलिस ने हीरा को जब्त कर जांच के लिए हीरा कार्यालय भेजा था।
परीक्षण में यह स्पष्ट हुआ है कि यह चमकीला पत्थर हीरा नहीं, बल्कि एक सामान्य खनिज सिलिका यानी क्वार्ट्ज (स्फटिक) है। इसका वजन 132 कैरेट 17 सेंट है। बता दें कि पन्ना के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा हीरा 44 कैरेट का 1961 में मिला था।