
नईदुनिया प्रतिनिधि, पन्ना: 10 वर्षों से कागजों में मृत पन्ना के जनवार निवासी आदिवासी बुजुर्ग दंपती करीब पांच माह पहले प्रभारी मंत्री मंत्री इंदर सिंह परमार के पैरों पर गिर गए थे। नईदुनिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो मंत्री समेत अधिकारियों ने जल्द न्याय दिलाने की बात कही।
शनिवार को जब प्रभारी मंत्री सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए पन्ना आए तो उनको उनके वादे की याद दिलाई गई। इस पर मंत्री ने स्पष्टीकरण दिया कि बुजुर्ग दंपती मेरे पैरों पर नहीं गिरे थे, बल्कि मैंने अपने पैर पीछे खींचे थे। उनसे पूछा गया कि बुजुर्ग दंपती को न्याय क्यों नहीं मिला तो वे असहज हो गए।
इस दौरान पन्ना एसडीएम संजय नागवंशी ने कहा कि सभी विभागों को पत्र जारी किए गए हैं कि शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। बुजुर्ग दंपती की जमीन के मामले में बुधवार तक फैसला हो जाएगा।
20 साल पहले भूरा आदिवासी और पत्नी केशकली की पांच एकड़ जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया था। परेशान होकर दंपती गांव छोड़कर चले गए। दबंगों ने जमीन हड़पने के लिए षड्यंत्र कर उन्हें कागजों में मृत घोषित करा दिया।
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जब दंपती 2014 में भतीजी शीला आदिवासी के साथ गांव लौटे तो पता चला कि वे कागजों में मृत घोषित हो चुके हैं। तब से वे कलेक्टर से लेकर तहसीलदार और हर अधिकारी की चौखट पर गए, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। अब न तो उनके पास राशन कार्ड है, न आधार, न वोटर कार्ड और न ही आयुष्मान कार्ड। करीब 79 वर्ष के भूरा आदिवासी और 70 साल की केशकली अब झोपड़ी में जिंदगी की अंतिम सांसें गिन रहे हैं।