
सुशांत चौरसिया, नईदुनिया, पन्ना। पिछले करीब 10 वर्षों से कागजों में मृत पन्ना के जनवार निवासी बुजुर्ग आदिवासी दंपती को न्याय मिल गया। एसडीएम संजय नागवंशी ने बुधवार को खुद उनकी झोपड़ी में पहुंचकर जमीन के दस्तावेज सौंपे। इस दौरान उन्होंने कहा कि दंपती को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा। अपने वर्षों के इस संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने के लिए बुजुर्ग दंपती ने नईदुनिया को धन्यवाद दिया है।
दरअसल, जनावर निवासी भूरा आदिवासी (79) और पत्नी केशकली (70) की पांच एकड़ जमीन पर 20 साल पहले दबंगों ने कब्जा कर लिया था। वे उनसे मारपीट भी करते थे, जिस कारण दंपती गांव छोड़कर कटनी चले गए। उनका इकलौते बेटे रामेश्वर ने भी गांव छोड़ दिया था। इधर दबंगों ने षड्यंत्र कर दंपती कागजों पर मृत घोषित करा दिया, लेकिन 2014 में बुजुर्ग दंपती जब भतीजी शीला के साथ गांव लौटे तो इस षड्यंत्र का पता चला। उन्होंने तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक मामले की शिकायत की, लेकिन कहीं न्याय नहीं मिला।
करीब पांच माह पहले वे अपनी पीड़ा लेकर प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार के पास पहुंचे और उनके पैरों पर गिर गए। ‘नईदुनिया’ ने इस पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की, जिसके बाद मंत्री और अधिकारियों ने जल्द न्याय दिलाने की बात कही। 13 दिसंबर को प्रभारी मंत्री जब पन्ना आए तो नईदुनिया ने उन्हें बुजुर्ग दंपती की परेशानी याद दिलाई। एसडीएम ने इस दौरान समय सीमा तय कर बुजुर्ग दंपती को जमीन वापस दिलाने का वादा किया था। बुधवार को उन्होंने यह वादा पूरा किया।
कलेक्टर उषा परमार के निर्देश पर भूरा आदिवासी को जमीन का मालिकाना अधिकार दे दिया गया है। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए भी सभी विभागों को पत्राचार किया गया है। उनकी जमीन पर दोबारा कब्जा हुआ तो उसे हटाने का कार्य भी किया जाएगा। - संजय कुमार नागवंशी, एसडीएम, पन्ना
यह भी पढ़ें- इंदौर सुसाइड मिस्ट्री... सड़ी-गली हालत में मिले पति-पत्नी के शव, दूधवाले और पेपर वाले के लौटने पर हुआ शक