नईदुनिया प्रतिनिधि, रतलाम/जावरा। 24वीं बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट रामबाबू पाठक ने शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे डिप्रेशन की लगभग 30 से ज्यादा गोलियां खा ली। स्वजन रामबाबू को निजी क्लिनिक ले गए, जहां से गंभीर हालात में दोपहर एक बजे मेडिकल कॉलेज रतलाम रेफर किया गया और यहां से स्वजन उन्हें इंदौर के निजी अस्पताल उपचार के लिए ले गए। जानकारी मिलते ही एसपी अमित कुमार मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
असिस्टेंट कमांडेंट की पत्नी और बेटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने और अधिक ड्यूटी कराने के दबाव के कारण रामबाबू लंबे समय से डिप्रेशन में थे। बेटी मुस्कान का कहना है कि पापा रोज कहते थे कि अब जिंदगी खत्म कर लूंगा। उन्होंने विभाग से वीआरएस लेने तक का विचार किया था।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह रामबाबू बटालियन की परेड में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने फेसबूक पर एक नोट पोस्ट किया, जिसे बाद में डिलीट कर दिया गया। इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित कथित लेटर में रामबाबू ने कई पूर्व आइपीएस पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं।
मुस्कान ने बताया कि 2020 से पापा का डिप्रेशन का इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने ड्यूटी करने से मना किया था, लेकिन विभाग ने इसे बहाना बताया। 23वीं बटालियन में बिना गलती के उन पर विभागीय जांच बैठा दी गई। जब से वे 24वीं बटालियन में आए, तब से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। जानबूझकर पिता की तीन एसीआर खराब कर दी गई। इसके सबूत और रिकार्डिंग मौजूद हैं। जानबूझकर उन्हें परेशान किया गया।