
रतलाम। नईदुनिया प्रतिनिधि। Ratlam News महिला और बाल विकास विभाग द्वारा शहर की स्लम बस्तियों में रहने वाली बेटियों को पुलिस सेवा में भेजने की तैयारी कराई जा रही है। झुग्गी व निम्न बस्तियों में सर्वे के बाद 102 ऐसी युवतियों का चयन किया गया है, जो पुलिस सेवा में जाने की इच्छुक हैं, लेकिन पारिवारिक व आर्थिक कारणों से तैयारी नहीं कर पा रही थीं। चयन के बाद इन युवतियों को प्रशासन के सहयोग से ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग भी दी जा रही है।
कलेक्टर रुचिका चौहान व एसपी गौरव तिवारी की पहल पर महिला बाल विकास विभाग द्वारा शहर की झुग्गी बस्तियों, स्लम एरिया से युवतियों को चिन्हित कर पुलिस भर्ती तैयारी के लिए प्रेरित किया गया है। अधिकांश युवतियां कमजोर तबके की हैं। इनमें किसी के पिता मजदूर तो किसी के पिता पान की दुकान चलाते हैं।

यहां तक 25 युवतियों के पिता भी नहीं हैं, लेकिन इनमें पुलिस सेवा में जाने का जज्बा है। पुलिस ग्राउंड पर प्रतिदिन सुबह 7 से 8 बजे तक लिखित परीक्षा की तैयारी और 8 से 10 बजे तक फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है। पुलिस विभाग के बजरंग माली, सौरभ जैन द्वारा लिखित परीक्षा और आरआई खिलावनसिंह कंवर, सुमित्रा सोलंकी द्वारा फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है।
कलेक्टर-एसपी दे रहे मार्गदर्शन
युवतियों को प्रेरित करने के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी गौरव तिवारी भी समय-समय पर इन बालिकाओं बीच पहुंचकर इन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं। प्रशिक्षु आईएएस तपस्या परिहार, महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव, सहायक संचालक अंकिता पंड्या व परियोजना शहर 2 पर्यवेक्षक सुपरवाइजर एहतेशाम अंसारी की देखरेख और मार्गदर्शन में ये बालिकाएं तैयारी कर रही हैं।
इस तरह बनी कार्ययोजना
महिला बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्लम बस्ती में पहुंचे। यहां मालूम पड़ा कि आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियां पुलिस सेवा में जाना चाहती हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने पर वह आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। विभाग की अधिकारी ने योजना बनाकर कलेक्टर व एसपी के समक्ष रखी। दोनों अधिकारियों ने योजना को सराहा।
एसपी ने प्रशिक्षण के लिए पुलिस परेड ग्राउंड के साथ दो अधिकारी उपलब्ध कराए। साथ ही लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए भी तीन कोच की व्यवस्था की गई। यह प्रशिक्षण तीन माह के लिए शुरू किया गया है, जो 29 फरवरी तक चलेगा। स्थिति यह है कि अभी भी कई युवतियां तैयारी को लेकर विभाग के पास पहुंची रही हैं, जिन्हें अगले प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा।