
नईदुनिया प्रतिनिधि, रीवा। जिले के मनगवां थाना अंतर्गत ग्राम मही खुर्द में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में जिला न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है। संपत्ति के लालच में आकर अपने ही विकलांग पति की बेरहमी से हत्या करने वाली कलयुगी पत्नी, श्यामवती सिंह को माननीय न्यायालय ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1000 रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
यह मामला गत मई 2020 का है। मृतक जमुना सिंह पैर से विकलांग थे और बिस्तर पर ही रहते थे। जमुना सिंह की केवल एक पुत्री थी, जिसका विवाह हो चुका था। विवाद की मुख्य वजह अचल संपत्ति थी। जमुना सिंह अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा अपनी बेटी और दामाद के नाम कर चुके थे और शेष भी उन्हीं के नाम करना चाहते थे। पत्नी श्यामवती इस बात का विरोध करती थी, जिसे लेकर दोनों के बीच अक्सर विवाद होता रहता था।
घटना वाले दिन गत 8 मई 2020 को विवाद इतना बढ़ा कि श्यामवती ने क्रोध में आकर टांगी से अपने पति पर हमला कर दिया। जमुना सिंह के शोर मचाने पर उसने उनके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया ताकि आवाज बाहर न जा सके और फिर सिर व सीने पर कई प्रहार कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद आरोपी महिला ने खुद को निर्दोष दिखाने के लिए बड़ी चालाकी से साजिश रची। वह घर का दरवाजा बाहर से बंद कर बाजार चली गई और वहां दुकानदारों से कहा कि जल्दी करो, घर में विवाद हो रहा है, कहीं मेरे पति की हत्या न हो जाए।
बाद में उसने पुलिस को सूचना दी कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसके पति की हत्या कर दी है। हालांकि गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया था, लेकिन तत्कालीन विवेचना अधिकारी श्वेता मौर्य और वैज्ञानिक टीम के बारीकी से किए गए परीक्षण ने महिला की पोल खोल दी। हत्या में प्रयुक्त टांगी घर से बरामद हुई और एफएसएल रिपोर्ट में उस पर मानव रक्त की पुष्टि हुई । इन पुख्ता कड़ियों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने महिला को हत्या का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है।
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