
नईदुनिया प्रतिनिधि, सागर। मुस्लिम परिवार का होने के बावजूद असद खान की बजरंग बली के प्रति गहरी आस्था है। वह शिवभक्त भी हैं। असद बताते हैं कि वह पिछले दिनों उज्जैन में भगवान महाकाल का दर्शन करने गए थे लेकिन कुछ लोगों द्वारा पहचान लिए जाने के कारण दर्शन नहीं कर पाए। तभी से वह आहत थे। उन्होंने सनातन में वापसी का निर्णय ले लिया था। सोमवार को असद ने वाराणसी में सनातन धर्म में वापसी की।
गंगा के बीच में नाव पर 21 ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चारण के बीच असद की घर वापसी कराई गई। वह शुद्धिकरण प्रक्रिया के बाद अथर्व बन गए। असद ने सोशल मीडिया के माध्यम से काशी के ब्राह्मणों से अपनी घर वापसी संस्कार के लिए संपर्क किया था। असद की घर वापसी का अनुष्ठान कराने वाले आलोक योगी ने बताया कि पहले असद का शुद्धिकरण किया गया। उसके बाद पूजन करा कर उनके घर वापसी की प्रक्रिया पूरी की गई और उनका नामकरण किया गया। उन्हें नया नाम अथर्व त्यागी प्रदान किया गया।
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अथर्व ने बताया कि वह इंजीनियर हैं। मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले हैं। सागर ने बताया कि वह बचपन से ही मंदिरों में जाते थे और पूजा-पाठ करते थे लेकिन बड़े होने के बाद उनका नाम असद होने के कारण उसे मंदिरों में जाने में परेशानी होने लगी। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ मारपीट से उनका मन काफी आहत हुआ है।