
नईदुनिया प्रतिनिधि, सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले का शनिचरी क्षेत्र, जो कभी धार्मिक आस्था और सौहार्द का प्रतीक माना जाता था, अब डर और तनाव के माहौल में जी रहा है। इलाके में रहने वाले हिंदू परिवार अब घर-द्वार बेचकर पलायन करने को मजबूर हैं।
रात होते ही क्षेत्र में आवारा और असामाजिक तत्वों की दहशत बढ़ जाती है। लोग पुलिस में शिकायत करने से डरते हैं, जबकि प्रशासन और जनप्रतिनिधि पलायन की खबरों से इनकार कर रहे हैं। हालांकि, नईदुनिया की टीम जब मौके पर पहुंची, तो स्थानीय लोगों के चेहरों पर भय और बेचैनी साफ झलक रही थी।
लोगों का क्या कहना
स्थानीय लोगों ने बताया कि दस साल पहले तक शनिचरी में ऐसा माहौल नहीं था। यहां सभी एक-दूसरे को जानते थे और नियमित रूप से दुआ-सलाम होती थी, लेकिन अब अनजान चेहरों की भरमार है। मंदिर हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या घट रही है।
बुजुर्ग ने बताया कि असामाजिक तत्वों को बड़े नेताओं का संरक्षण मिला हुआ है, इसलिए लोग शिकायत करने से डरते हैं। जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया है। वे निजी तौर पर इस मुद्दे पर बात करते हैं, लेकिन शासन या प्रशासन के सामने कुछ नहीं कहते।
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि क्षेत्र को अतिसंवेदनशील माना जाता है, लेकिन यहां की पुलिस चौकी में रात के समय ताला लगा रहता है। इससे असामाजिक तत्वों के हौसले और बुलंद हैं।
जन प्रतिनिधियों का क्या कहना
सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा, "पलायन का विषय हमारे ध्यान में है, लेकिन यह बड़े पैमाने पर नहीं हो रहा। हिंदू परिवार अधिक दाम मिलने पर अपनी संपत्ति बेच रहे हैं। अब तक डराने या धमकाने की कोई शिकायत नहीं आई है। बिना शिकायत के हम कार्रवाई नहीं कर सकते।"
सागर की महापौर संगीता सुशील तिवारी ने कहा कि "शनिचरी क्षेत्र बहुत पुराना है और यहां की बसाहट घनी है। अतिक्रमण की कोई शिकायत नहीं आई, लेकिन माहौल खराब है। सरकार और प्रशासन दोनों को मिलकर इस क्षेत्र में माहौल सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए।"
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