- शहर के प्राचीन जैन मंदिर में आयोजित हुई धर्मसभा
खुरई। नवदुनिया न्यूज
मनुष्य करुणाशील है, उदार हृदय है, लेकिन दुभाग्य से आज उसकी करुणा धीरे-धीरे खोती जा रही है और वह तेजी से हिंसा की दिशा में बढ़ रहा है। यह बात प्राचीन जैन मंदिर में विराजमान मुनिश्री प्रभातसागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मांसाहार एक तामसिक आहार है। मांसाहार से मनुष्य क्रूर, करुणाहीन, हिंसक, कामी, क्रोधी और चिड़चिड़ा स्वभाव का हो जाता है। जीव हत्या और मांस सेवन एक जघन्य अपराध है, महापाप है।
मुनिश्री ने कहा कि सभी धर्म ग्रंथों में शाकाहार को सर्वोत्तम आहार माना गया है। वैज्ञानिक परीक्षणों और निष्कर्मों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार अधिक उत्तम, पौष्टिक, सुपाच्य और स्वास्थ्यप्रद होता है। शाकाहार न सिर्फ शरीर को निरोग रखता है बल्कि जीवन को भी श्रेष्ठ बनाता है। शाकाहार से मन और बुद्धि निर्मल व पवित्र बनते हैं। जैसा खावे अन्ना, वैसा होवे मन उक्ति के अनुसार आहार का मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। शुद्ध व सात्विक आहार विचार व व्यवहार को भी शुद्ध रखते हैं। शाकाहार शील, सदाचार और सहृदयता का जनक होता है, जबकि मांसाहार मनुष्य को हिंसक बनाता है।
मुनिश्री ने कहा कि अपना पेट भरने के लिए किसी बेकसूर प्राणी का पेट काटना सबसे बड़ा पाप है। धन के लालच में किसी के प्राणों से खेलना जघन्य अपराध है। पशुओं को काटा जाना देश के हित में नहीं है। यदि कोई व्यक्ति पशु का मांस खाता है तो वह सिर्फ मांस ही नहीं खाता है, पशु के संस्कार भी खाता है। मुनिश्री ने कहा कि मांसाहार मानव जाति के हित में नहीं है, मनुष्य का प्राकृतिक आहार शाकाहार है। शाकाहार से ही मनुष्य अपने धर्म और संस्कृति को आत्मसात कर सकता है। बूचड़खानों और मांस निर्यात की नीति ने भारत की प्रतिष्ठा, अस्मिता व मूल्यों को तहस-नहस कर दिया है। हिंसा के कदम तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसे समय रहते नहीं रोका गया तो एक दिन दूर नहीं जब आदमी का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
मुनिश्री ने कहा कि भगवान महावीर का अमर संदेश जीओ और जीने दो सारी दुनिया में पहुंचाना है। अपने दुख से दुखी होकर हर कोई आंसू बहा लेता है, लेकिन दूसरों की पीड़ाओं को देखकर जिसकी आंखें छलछला उठती हैं। वही सच्चा इंसान है। प्रवचन के पूर्व आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की पूजन संपन्ना हुई व मुनि संघ को अर्घ्य समर्पित किए। प्रवचन सभा का संचालन अशोक लिरिल, सहयोग अशोक शाकाहार ने किया।
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फोटो 2709एसए 153 केप्सन : खुरई। प्रवचन देते मुनिश्री प्रभातसागर महाराज।
फोटो 2709एसए 154 केप्सन : खुरई। प्रवचन श्रवण करते श्रद्धालु।