
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले को लेकर भोपाल से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है, लेकिन सतना जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नजर नहीं आ रहा। शनिवार को मामले की जांच के लिए दिल्ली से आई राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) की टीम को एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) कक्ष में खामियां मिलीं। वहीं अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में चूहों की धमाचौकड़ी का वीडियो वायरल हुआ है।
एसडीएम राहुल ने शनिवार को खून की दलाली करते दो अन्य युवकों को पकड़ा है। टीम ने सिविल सर्जन डॉ. अमर सिंह के साथ ब्लड बैंक का संचालन करने वाली सूर्या कंपनी के संचालक देवीदास से भी मामले की जानकारी ली। अभिलेखों की गहन जांच की। एआरटी कक्ष में मिलीं दस्तावेजी खामियां नाको की तीन सदस्यीय टीम ने करीब चार घंटे जांच की। जिला अस्पताल के एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) कक्ष में रखे रजिस्टरों, रिपोर्ट मिलान और रिकॉर्ड अपडेटिंग पर सवाल उठाए। इसी कक्ष में एड्स (एचआइवी) की जांच, पुष्टि और संक्रमित मरीजों का उपचार और दवाओं का वितरण किया जाता है। नाको की टीम रविवार को भी जांच करेगी।
एसडीएम राहुल सिलड़िया के नेतृत्व में टीम ने शनिवार को शिवम वर्मा पुत्र रामदयाल वर्मा, निवासी पवैया और अंकित नामदेव (24) पुत्र बद्री प्रसाद नामदेव निवासी बरदाडीह को खून की दलाली करते पकड़ा है। वे जरूरतमंदों से रुपये लेकर रक्त उपलब्ध कराते थे। एफआईआर दर्ज कर दोनों के रक्त सैंपल भी लिए गए हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि ये एचआइवी संक्रमित तो नहीं हैं।
जिला अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें कैबिन के अंदर चूहे धमाचौकड़ी मचाते दिख रहे हैं। एक चूहा मुंह में मुंगौड़ी दबाकर उछल-कूद करता दिख रहा है। वार्ड में 45 नवजात भर्ती हैं। एक स्वजन ने यह वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है। उनका कहना है कि वार्ड में चूहों के साथ चीटियां भी हैं। नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों से कई बार शिकायत की है, लेकिन अनसुना कर दिया गया।