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नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना: पार्षद गंगा कुशवाहा के अनुसार 15 नवंबर को एक आदिवासी परिवार की वृद्ध महिला का निधन हो गया। मुक्तिधाम तक जाने वाला मार्ग अतिक्रमण के कारण पूरी तरह अवरुद्ध होने के चलते स्वजन मृतका को मोहल्ले के बीचों-बीच खुले स्थान पर चिता बनाकर जलाने को मजबूर हुए।
घटना के बाद क्षेत्रवासी और पूरा मोहल्ला गहरे सदमे में है। पार्षद ने कहा कि “15420 की आबादी वाला यह क्षेत्र वर्षों से सुन्तिधाम के रास्ते की समस्या झेल रहा है, पर अब हालात असहनीय हो चुके हैं।" दरअसल नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 17 में स्थित केंद्रीय जेल के सामने बने सुन्तिधाम के रास्ते पर अतिक्रमण के कारण अंतिम संस्कार स्थल बंद होने से क्षेत्र में संवेदनशील और शर्मनाक स्थिति उत्पन्न हो गई है। अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर वार्ड की पार्षद गंगा कुशवाहा ने नगर निगम आयुक्त को एक अत्यंत मार्मिक और गंभीर पत्र भेजते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
पत्र में पार्षद ने उल्लेख किया है कि नगर निगम ने सुन्तिधाम पर लाखों रुपये खर्च कर उचित निर्माण कराया था, किंतु मार्ग पर बढ़ते अतिक्रमण के कारण पिछले पांच वर्षों से अंतिम संस्कार की व्यवस्था ठप है। लोग मजबूरी में निजी खेतों, सुनसान स्थानों और अब आवासीय क्षेत्रों में भी अंत्येष्टि करने को विवश हो गए हैं, जिससे सामाजिक, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
पार्षद ने आयुक्त से निवेदन किया है कि सुन्तिधाम मार्ग पर बने अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए।क्षेत्र की 15 हजार से अधिक आबादी को राहत प्रदान की जाए। अंतिम संस्कार स्थल को पुनः सुचारु किया जाए ताकि ऐसी दर्दनाक परिस्थितियाँ दोबारा न हों। पत्र में पार्षद ने इस घटना को “मानवीय गरिमा पर आघात” बताते हुए निगम प्रशासन से शीघ्र और कठोर कार्रवाई की अपील की है।
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