
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। सतना जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्था की घोर लापरवाही का बेहद गंभीर मामला सामने आया है। यहां थैलेसीमिया से पीड़ित 4 नहीं बल्कि 6 मासूम बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ा दिया गया, जिससे सभी बच्चे एचआईवी पॉजिटिव हो गए। इस खुलासे के बाद न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि मामला करीब 4 माह पुराना होने के बावजूद अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी। सोमवार को मामले की समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर सतीश कुमार एस ने जांच में हो रही देरी पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जानकारी में 4 बच्चों की बात सामने आई थी, लेकिन जांच में 6 बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, थैलेसीमिया पीड़ित इन बच्चों को नियमित रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से उपलब्ध कराए गए रक्त को चढ़ाने के बाद जब रूटीन जांच की गई तो 6 बच्चों में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई। बच्चों की उम्र 8 से 12 वर्ष के बीच बताई जा रही है। आरोप है कि ब्लड बैंक द्वारा रक्त की समुचित जांच और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।
कलेक्टर ने बताया कि 6 में से एक बच्चे के माता-पिता HIV पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि शेष 5 बच्चों के माता-पिता HIV निगेटिव हैं। इससे अस्पताल में दिए गए रक्त की भूमिका पर सवाल और गहरे हो गए हैं।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त तरुण राठी ने 6 सदस्यीय राज्य स्तरीय जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम यह भी जांच कर रही है कि बच्चों को सतना के अलावा जबलपुर और अन्य जिलों में कहां-कहां ब्लड ट्रांसफ्यूजन हुआ।