
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। वर्ष 2020-21 में धारा 74 के तहत ई-वे बिल संबंधी प्रकरण में बिना पेनल्टी लगाए, छापा न डालने और कार्रवाई न करने के एवज में CGST की प्रिवेंटिव शाखा में पदस्थ निरीक्षक कुमार सौरभ द्वारा 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
बात 60 हजार रुपए में तय हुई और आरोपी ने 20 हजार की पहली किस्त तत्काल देने का दबाव बनाया और अपने ही सरकारी आवास पर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह पूरी करवाई फर्म कैलाशराज ट्रैक्टर्स के कर्मी राजेंद्र नगर निवासी वीरेंद्र कुमार शर्मा (33) कि 29 नवंबर को लोकायुक्त रीवा में की गई शिकायत के आधार पर महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार विरोधी सख्त निर्देशों के बाद मंगलवार को लोकायुक्त रीवा टीम ने कार्रवाई की है।
बताया जाता है कि सत्यापन में भी निरीक्षक द्वारा रिश्वत की मांग करना प्रमाणित पाया गया। कार्रवाई उप पुलिस महानिरीक्षक मनोज सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुई। ट्रैप कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक संदीप सिंह भदौरिया ने किया। टीम में निरीक्षक उपेंद्र दुबे, उप निरीक्षक आकांक्षा शुक्ला, प्रधान आरक्षक मुकेश मिश्रा, आरक्षक पवन पांडे, शाहिद खान, लवलेश पांडे, सुभाष, विजय व मनोज शामिल रहे।

मिली जानकारी के अनुसार आरोपी सौरभ प्रिवेंटिव शाखा में पदस्थ है और धारा 64 व 74 के प्रकरणों की जांच उसी के अधिकार क्षेत्र में आती है। शिकायत कर्ता के मुताबिक वर्ष 2020-21 के ई-वे बिल प्रकरण में निरीक्षक सौरभ ने कार्रवाई का डर दिखाकर रिश्वत की मांग की।
आरोपित ने कहा कि फर्म द्वारा जारी ई-वे बिल में माल न आने (नॉन-मूवमेंट) और खरीदी ज्यादा–टैक्स कम होने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी। जबकि शिकायतकर्ता का स्पष्ट कहना है कि ई-वे बिल ड्रॉप होना सेलर की प्रक्रिया है और माल न आने की स्थिति में भी इसका दायित्व खरीदार का नहीं होता।
इसके बावजूद निरीक्षक सौरभ ने धारा 74 के तहत बड़ी कार्रवाई का हवाला देकर रकम की मांग जारी रखी और अंततः रकम तय कर रिश्वत लेने को तैयार हो गया।