MP के मैहर मंदिर में आस्था को भारी ठेस: चांदी-सोने के चढ़ावे गायब, प्रधान पुजारी पर भक्तों का चढ़ावा हड़पने का आरोप
मध्यप्रदेश के विख्यात मां शारदा देवी मंदिर, मैहर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने श्रद्धालुओं की आस्था को गहरा आघात पहुंचाया है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि प्रधान पुजारी पवन कुमार शास्त्री ने भक्त द्वारा 22 अक्टूबर 2025 को अर्पित किए गए चांदी–सोने के कीमती आभूषण मंदिर कोष में जमा नहीं किए।
Publish Date: Mon, 17 Nov 2025 07:57:07 PM (IST)
Updated Date: Mon, 17 Nov 2025 07:57:34 PM (IST)
मां शारदा मंदिर में दो किलो का चांदी का छत्र, मुकुट और सोने की नथ गायब। (File Photo)HighLights
- CCTV में पुजारी वस्तुएं ले जाते हुए दिखे।
- मंदिर समिति ने तीन दिन का नोटिस भेजा।
- भक्तों में भारी आक्रोश, सोशल मीडिया पर चर्चा।
नईदुनिया प्रतिनिधि, मैहर: मध्यप्रदेश के विख्यात मां शारदा देवी मंदिर में भक्तों की आस्था को झकझोर देने वाला बड़ा मामला सामने आया है। मंदिर में अर्पित किए गए चांदी–सोने के कीमती आभूषण मंदिर समिति तक नहीं पहुंचे। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि प्रधान पुजारी पवन कुमार शास्त्री ने 22 अक्टूबर 2025 को भक्त द्वारा अर्पित की गई सामग्री को मंदिर कोष में जमा नहीं किया।
दूरभाष पर मिली सूचना के बाद मंदिर प्रशासन ने जांच बिठाई। सीसीटीवी फुटेज और साक्ष्यों के आधार पर यह प्रमाणित हुआ कि अपराह्न 2:55 बजे भक्त द्वारा मंदिर में लाए गए 2 किलो चांदी का छत्र, चांदी का मुकुट और सोने की नथ प्लास्टिक बैग से सीधे पुजारी के कब्जे में चले गए और मंदिर कोष में जमा नहीं हुए।
मंदिर समिति ने भेजा नोटिस, आस्था को गहरी चोट
जांच रिपोर्ट के बाद मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक ने प्रधान पुजारी को 3 दिवस में लिखित जवाब देने का नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में कहा गया है कि इस घटना से मां शारदा के श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना आहत हुई और मंदिर की गरिमा गंभीर रूप से धूमिल हुई है।
समिति ने स्पष्ट कहा कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह पहली घटना नहीं हो सकती। भक्तों द्वारा अर्पित की जाने वाली अन्य मूल्यवान वस्तुएँ सोना, चांदी, वस्त्र, आभूषण भी संभवत: समिति तक नहीं पहुंच रहे। समिति ने इसे मंदिर की प्रतिष्ठा पर सीधा प्रहार बताया है।
कठोर कार्रवाई की तैयारी, भक्तों में आक्रोश
नोटिस में कहा गया है कि यदि पुजारी द्वारा तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता, तो विधिक कार्रवाई की जाएगी और मामले को आगे बढ़ाया जाएगा। उधर, घटना के सामने आते ही भक्तों में भारी नाराजगी है। श्रद्धालुओं का कहना है कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर इस प्रकार की लापरवाही और विश्वासघात अस्वीकार्य है।
सोशल मीडिया पर भी मामला जोर पकड़ रहा है, जहां लोग सुरक्षा और दान प्रबंधन प्रणाली को और मजबूत करने की मांग कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन अब अन्य दान-पत्रों और पिछले दिनों अर्पित की गई सामग्रियों की भी जांच कर रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं इस प्रकार की और घटनाएँ तो नहीं हुईं।
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