नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में आए दिन शासकीय चिकित्सालय सवालों के घेरे में खड़ा रहता है। सोमवार को सोशल मीडिया में वायरल वीडियो एक बार फिर अस्पताल प्रबंधन व उसके जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला अस्पताल से एक चौंकाने वाला और शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां इलाज कराने आई एक महिला को अपने दुधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर फर्श साफ करना पड़ा।
यह घटना न केवल अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल तस्वीर भी उजागर करती है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषी सफाईकर्मी पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। यह मामला अब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
रेहुंटा निवासी जिज्ञासा यादव सोमवार को अपने बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल के शिशु वार्ड क्रमांक-8 में पहुंचीं। इलाज के दौरान बच्चा फर्श पर पेशाब कर बैठा। यह सामान्य स्थिति थी जिसे अस्पताल की सफाई व्यवस्था संभाल सकती थी। लेकिन मौके पर मौजूद महिला सफाईकर्मी ने अपनी जिम्मेदारी निभाने से इनकार कर दिया। आरोप है कि सफाईकर्मी ने खुद सफाई करने के बजाय महिला को ही फर्श पोछने के लिए कह दिया। मजबूरन जिज्ञासा ने बच्चे को गोद में उठाए-उठाए झाड़ू और पोछा लगाकर फर्श साफ किया। इस अपमानजनक दृश्य को वहां मौजूद लोग चुपचाप देखते रहे।
महिला के साथ हुए इस व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो सामने आने के बाद शहर में आक्रोश फैल गया। लोग कह रहे हैं कि यह घटना अस्पताल की लापरवाही और असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। विडंबना यह है कि घटना का वीडियो सामने आने के बावजूद अभी तक अस्पताल प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। न तो सफाईकर्मी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई और न ही पीड़िता महिला को न्याय दिलाने की दिशा में कोई प्रयास किया गया। इससे लोगों का गुस्सा और भड़क रहा है।
यह घटना जिला अस्पताल की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जब सफाईकर्मी मौजूद थी तो उसने जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई? मरीज और उनके परिजन अस्पताल में इंसाफ व सम्मान की उम्मीद लेकर आते हैं, लेकिन अगर उन्हें खुद सफाई करनी पड़े तो व्यवस्था पर भरोसा कैसे कायम रहेगा?
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