
नईदुनिया प्रतिनिधि, सतना। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के एचआइवी पाजिटिव होने के सनसनीखेज मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का दो सदस्यीय दल सोमवार शाम सतना पहुंच गया। आयोग की यह टीम मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी तरह गोपनीय ढंग से जांच प्रक्रिया आगे बढ़ा रही है।
एनएचआरसी के इन्वेस्टिगेशन डिवीजन के अधिकारी रोहित सिंह और संजय कुमार इस दल में शामिल हैं। दोनों अधिकारी अपराध जांच के अनुभवी माने जाते हैं। टीम शाम करीब 4:30 बजे सर्किट हाउस पहुंची। वहां कुछ देर विश्राम के बाद दल एक अज्ञात स्थान के लिए रवाना हुआ और करीब डेढ़ घंटे बाद वापस लौटा। टीम कहां गई और क्या गतिविधियां रहीं, इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई।
जांच दल ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से दूरी बनाए रखी। सर्किट हाउस में मौजूद सीएमएचओ डॉ. मनोज शुक्ला, एसडीएम राहुल सिलडिया और सिविल सर्जन डॉ. अमर सिंह को जांच प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया। हालांकि सीएमएचओ द्वारा पीड़ित परिवारों की सूची टीम को सौंपी गई।
एनएचआरसी टीम ने पहले दिन न तो बिरला अस्पताल का दौरा किया और न ही किसी पीड़ित परिवार या स्वास्थ्यकर्मी से मुलाकात की। टीम ने स्पष्ट कर दिया कि जांच स्वतंत्र रूप से की जाएगी और किसी भी स्थानीय अधिकारी की मौजूदगी नहीं चाही गई।
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सतना में थैलेसीमिया से पीड़ित कम से कम पांच बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की जानकारी सामने आने के बाद देशभर में हड़कंप मच गया था। मामले में पहले हेल्थ कमिश्नर तरुण राठी, एफडीए के औषधि नियंत्रक दिनेश श्रीवास्तव, राज्य एड्स नियंत्रण समिति और नाको एचएसीओ संज्ञान लिया।
आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. योगेश भरसट की प्रारंभिक जांच के बाद ब्लड बैंक प्रभारी और दो लैब टेक्नीशियन निलंबित किए जा चुके हैं। मामले की जांच को लगभग 10 दिन हो चुके हैं, अब एनएचआरसी की एंट्री से कार्रवाई और तेज होने के संकेत मिल रहे हैं।