सीहोर/आष्टा (नवदुनिया प्रतिनिधि)। जिले भर में खरीफ की फसल सोयाबीन में अफलन की स्थिति है, जिसको लेकर किसान चितिंत है, वहीं कई गांवों के किसान तहसील व जिला मुख्यालय पर ज्ञापन देकर सर्वे, और पिछले दो साल की बीमा राशि दिलाने सहित कीटनाशक के बेअसर होने से उसकी जांच कराने ज्ञापन दे रहे हैं। ऐसा ही मामला खाचरौद का सामने आया है, जहां के किसान पैदल यात्रा निकाल अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन देने जा रहे थे, जिन्हें पुलिस व प्रशासन ने हंगामे की बीच ज्ञापन लिया और उन्हें वापस लौटा दिया, लेकिन उसके बाद 12 किसानों पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया, जिससे किसानों में जमकर रोष है, जिसको लेकर आंदोलन की तैयारी की जा रही है, वहीं विपक्षी दल इसे भेदभाव पूर्ण कार्रवाई बता रहा है।
मंगलवार की सुबह ग्राम खाचरोद से किसान स्वराज संगठन के बैनर तले सैकड़ों किसान पिछले साल की सोयाबीन फसल का बीमा राशि दिलाने और इस साल खराब हुई फसलों का तत्काल सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग करते हुए पैदल चलकर तहसील मुख्यालय पर अधिकारियों का घेराव करने के लिए रवाना हुए थे, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने 2 से 3 किलोमीटर दूर जाने पर रोक दिया, तो किसान सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे और करीब 2 से 3 घंटे तक यह हंगामा चलता रहा, जिसके बाद किसानों ने मौके पर एसडीएम विजय मंडलोई को ज्ञापन दिया और क्षेत्र में बिक रही नकली दवाई कोरोजन और अनेक प्रकार की दवाइयों का सोयाबीन सहित अन्य फसलों पर कोई असर न होने विषय में एसडीएम विजय मंडलोई को अवगत कराया। इन नकली दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन इनमें से कुछ चुनिंदा किसानों के खिलाफ कोविड-19 का पालन नहीं करने पर धारा 188 के तहत मंगलवार की रात को पुलिस ने प्रकरण दर्ज किए थे और बुधवार को इसकी जानकारी दी थी। इस मामले को लेकर पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार ने भेदभाव की नीति बंद करने तथा किसानों को उनकी जायज मांगों पर इस प्रकार झूठे प्रकरण बनाकर दबाने की निंदा की है। साथ ही कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता भी रैली निकाल रहे हैं तो फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं।
इन किसानों पर पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
किसानों के द्वारा आंदोलन किए जाने पर कोविड 19 नियम का उल्लंघन करने का प्रकरण पहली बार पुलिस ने दर्ज किया है। वह भी सैकड़ों किसानों में से मात्र 12 नामजद किसानों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार खाचरोद के शंकर पटेल जाट, राहुल जाट, जितेंद्र ठाकुर, राजेंद्र दरबार, प्रदीप जाट, रामविलास जाट, शेखपाल, ज्ञान सिंह, अखिलेश ठाकुर, बल्लू पटेल, दीपक आदि अन्य के खिलाफ धारा 188 का प्रकरण दर्ज किया गया है।
मांगों को पूरा करने का दिया था आश्वासन कर दिया मामला दर्ज
17 अगस्त को सुबह 11 बजे ग्राम खाचरोद से किसान नेता शंकर पटेल के नेतृत्व में किसानों का पैदल मार्च हाथों में खराब हुई फसलों के पौधे लिए शुरू हुआ, जो खामखेड़ा जत्रा पहुंचता, उसके पूर्व ही पुलिस लाइन, आष्टा, जावर, सिद्दीकगंज, पार्वती थाना के प्रभारी सहित भारी पुलिस बल एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और खामखेड़ा के समीप रोककर पहले तो पुलिस के अधिकारी ने कार्रवाई कर अंदर करने की धमकी दी थी। जब किसानों पर पुलिस अधिकारी की धमकी का असर किसानों पर नहीं हुआ, तो एसडीएम विजय मंडलोई ने हस्तक्षेप कर किसानों को समझाया और आश्वासन दिया कि पटवारियों की हड़ताल खत्म होते ही सर्वे का कार्य शुरू कराया जाएगा व अन्य जो मांग की हैं उस पर भी अति शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
किसानों ने हमसे ज्ञापन के लिए कहा, तो हम मौके पर पहुंचे थे, लेकिन किसान हमें देखकर आष्टा की तरफ दौड़ने लगे। इनको रोकने का प्रयास किया, लेकिन नहीं माने और न ही शासन के दिशा-निर्देशों को पालन किया। इनकी मंशा गलत लग रही थी, जिसके चलते प्रकरण दर्ज किया गया है।
विजय मंडलोई, एसडीएम आष्टा
किसानों ने एक जुट होकर कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन किया। काफी समझाइश के बाद भी नहीं माने। इसलिए कोविड 19 की धारा 188 के तहत उग्र हो रहे किसानों पर मामला दर्ज किया गया है।
कमल सिंह ठाकुर, सिद्दीकगंज