घंसौर (नईदुनिया न्यूज)। नगर में मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज देने लगातार उठ रही मांग के बीच रेलने ने ऐसी ट्रेनों का स्टापेज देने से इंकार कर दिया है। इसके पीछे टिकट बिक्री से होने वाली आय का हवाला देते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेल के नागपुर स्थित डीआरएम कार्यालय ने हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि घंसौर में मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को स्टापेज देने का मामला बिलासपुर स्थित जोन मुख्यालय व रेलवे बोर्ड को भेजा गया है। इधर घंसौर होकर नैनपुर-जबलपुर के बीच संचालित चार पैसेंजर ट्रेनों को फिर से प्रारंभ करने अथवा उनके स्थान पर मेमू ट्रेन चलाने को लेकर भी अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। नैनपुर-जबलपुर के बीच चलने वाली पैसेंजर ट्रेनों को कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था, तब से इन ट्रेनों का संचालन फिर प्रारंभ होने का इंतजार किया जा रहा है।
घंसौर मे बिना र्स्के चल रही ट्रेनें: रेलवे द्वारा जबलपुर-गोंदिया रेल खंड पर दो स्पेशल मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है जो कि घंसौर में बिना र्स्के चल रही हैं। इनमें एक ट्रेन रीवा-इतवारी (नागपुर) स्पेशल व दूसरी गया-चेन्ना्ई स्पेशल बताई जा रही है। इन ट्रेनों का स्टापेज घंसौर में देने की पुरजोर मांग हो रही है। इसे लेकर पिछले माह घंसौर में बंद का आयोजन किया गया था और ज्ञापन सौंपा गया था। इसे लेकर घंसौरवासियों व व्यापारियों में एकजुटता दिखाई दी।
रेलवे ने दिया ये तर्कः घंसौरवासियों की मांग पर नागपुर रेल डिवीजन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि रेलवे बोर्ड के ठहराव मापदंड अनुसार किसी भी स्टेशन पर मेल अथवा एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव के लिए प्रतिदिन स्लीपर क्लास के 500 किमी अथवा इससे अधिक दूरी के कम से कम 40 टिकट की बिक्री व इससे प्राप्त होने वाली आय 12776 से 24500 के बीच होनी चाहिए। रेलवे के अनुसार घंसौर स्टेशन ठहराव के इस मापदंड को पूर्ण नहीं करता ऐसी स्थिति में स्टापेज देने का अधिकार वाणिज्य प्रबंधक को नहीं है। किसी भी गाड़ी का स्टेशन में स्टापेज देने का मामला मुख्यालय तथा रेलवे बोर्ड के क्षेत्राधिकार में आता है ऐसे में क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा घंसौर में स्टापेज देने की मांग संबंधी मामला संबंधित कार्यालय को भेज दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री को लेकर नाराजगीः जिसे का घंसौर इलाका मंडला संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आता है। घंसौर क्षेत्र में लोग अब इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते केंद्रीय राज्यमंत्री होने के बावजूद क्षेत्र के विकास सहित रेल सुविधाओं को लेकर गंभीरता से प्रयास नहीं कर रहे हैं। लोगों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि घंसौर आदिवासी क्षेत्र होने के बावजूद उनके द्वारा कुछ नहीं किया जा रहा है, जबकि आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया है। क्षेत्र के कांग्रेस विधायक योगेंद्र सिंह बाबा द्वारा भी इस मामले में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं और घंसौरवासियों को खुद आगे आकर ट्रेनों के स्टापेज व बंद ट्रेनों को पुनः प्रारंभ करने की मांग उठाना पड़ रही है।