Shahdol News: शहडोल (नईदुनिया प्रतिनिधि)। निमोनिया के इलाज के नाम पर तीन माह की बच्‍ची को गर्म सलाखों से दागा गया था। निमोनिया व सांस लेने में तकलीफ से जूझ रही तीन माह की दुधमुंही बच्ची ने देर रात दम तोड़ दिया। दगना कुप्रथा के चक्‍कर में स्वजनों ने 51 बार गर्म सलाखों से पेट में दागा था। जिसके चलते बच्ची की हालत बिगड़ी और मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था।

पुरानी बस्ती निवासी तीन माह की दुधमुंही बच्ची रुचिता कोल जन्म के बाद से ही बीमार रहती थी। निमोनिया और धड़कन तेज चलने की समस्या हुई तो परिजनों ने इलाज के नाम पर बालिका को गर्म सलाखों से 51 बार दाग दिया था। इससे बच्ची की हालत में सुधार नहीं आया बल्कि गर्म सलाखों से दागने के चलते बच्ची और बीमार हो गई। मेडिकल कालेज में शिशु रोग विभाग की टीम के निगरानी में बालिका का इलाज हो रहा था।

पहले हो चुकी है कुछ बच्चों की मौत

शहडोल जिले में दगना कुप्रथा जारी है। इलाज के नाम पर मासूम बच्चों को आज भी गांवों में गर्म लोहे से दागा जाता है। जिसके चलते पहले कुछ बच्चों की मौत भी हो चुकी है। प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर दगना कुप्रथा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा, लेकिन इसका असर अभी तक कम नहीं हुआ है।

Posted By: Jitendra Richhariya

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