नईदुनिया प्रतिनिधि,शहडोल: जिले के बुढ़ार ब्लॉक में चन्नौड़ी के हथगला स्थित ओपन कैब में रखी धान भीग गई है। बारिश के पानी से धान की बोरियां भीग गई है और सैकड़ों बोरी धान भीगकर खराब हो गया है। धान में अंकुर निकल आए हैं। जानकारी लगते ही प्रभारी प्रबंधक सत्यदेव मिश्रा बची हुई धान को व्यस्थित कराने में लगे हैं, लेकिन बड़ा नुकसान हो गया है।
जानकारी के अनुसार कमलेश श्रीवास्तव जब प्रबंधक थे, तब धान को रखवाया गया था और उसी समय हुई लापरवाही के कारण धान खराब हो गई है। प्रभारी प्रबंध सत्यदेव मिश्रा के अनुसार कुछ धान के बोरे भीगे हैं। बारिश अधिक होने के कारण कैब में पानी भरने से धान खराब हुआ है।
धान को केवल पतले तिरपाल से ढका गया था। तेज हवा से तिरपाल कई जगहों से फट गए। इससे बारिश का पानी कैप के अंदर चला गया। बता दें कि नियम के अनुसार चन्नौड़ी ओपन कैप में धान को तीन महीने से अधिक नहीं रखा जा सकता, लेकिन एनसीसीएफ के अधिकारियों ने छह महीने तक धान नहीं उठाया। एनसीसीएफ प्रबंधक एमएस उपाध्याय ने कहा कि धान खरीदी और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है।
यह मामला तब सामने आया जब भारी बारिश के बाद धान की बोरियों से बदबू आने लगी। स्थानीय लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
बता दें कि चन्नौड़ी ओपन कैब में एनसीसीएफ की लापरवाही से किसानों का धान बर्बाद हुई है। दिसंबर जनवरी में खरीदा गया धान पिछले 6 महीने से खुले में रखा था जो बारिश के कारण धान भीगकर अंकुरित हो गया है।
बताया गया है कि चन्नौड़ी ओपन कैप में कुल 98 हजार क्विंटल धान रखा गया था। इसमें खाम्हीडोल समिति से 20 हजार क्विंटल, चन्नौड़ी से 48 हजार क्विंटल और केशवाही गिरवा से 30 हजार क्विंटल धान शामिल है। धान को बारिश से बचाने के लिए उचित प्रबंध नहीं किए गए।
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चन्नौड़ी में 54 ओपन कैप बनाए गए थे। प्रत्येक कैप में लगभग 3200 बोरी धान रखी गई थी। इस पूरे स्टोरेज की जिम्मेदारी स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड की थी जिसने पूरी तरह से लापरवाही की है।