नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। संभागीय मुख्यालय के कलेक्टोरेट परिसर में स्थित सोहागपुर डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय की बड़ी भर्रेशाही उजागर हुई है। यहां के डिप्टी रजिस्ट्रार संत कुमार कुशवाहा ने गलत तरीके से भूमि की रजिस्ट्री करा दी है और इसके बदले बिचौलियों से बड़ी राशि भी ली है। इसको लेकर शुक्रवार की शाम को भूमि स्वामियों ने डिप्टी रजिस्ट्रार के सामने विरोध जताया और कलेक्टर के यहां शिकायत किया है। एक वीडियो भी दिखाया गया है, जिसमें डिप्टी रजिस्ट्रार की संदिग्ध कार्यप्रणाली दिख रही है।
डिप्टी रजिस्ट्रार 31 अगस्त को सेवानिवृत्त होंगे। इसके पहले 29 अगस्त को अपने कार्य दिवस के आखिरी दिन विवाद में आ गए। जब विरोध होने लगा तो कार्यालय छोड़कर भाग गए और कलेक्टर के बुलाने के बाद भी दूसरे दिन तक नहीं आए हैं। डिप्टी रजिस्ट्रार के कारनामे की शिकायत कलेक्टर के अलावा पुलिस में भी गई है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह से संबंधितों को एफआईआर करने के निर्देश दिए है और गलत तरीके से हुई रजिस्ट्री को निरस्त कराने का शिकायत कर्ताओं को निर्देश दिया है।
जबकि डिप्टी रजिस्ट्रार संत कुमार कुशवाहा ने बताया कि वे 29 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए है और अपने घर अनूपपुर जिले के कोतमा में हैं। सेवानिवृत्ति 31 को होनी थी, लेकिन दो दिन अवकाश के कारण 29 को ही हो गई है। वहीं गलत तरीके से रजिस्ट्री कराने की शिकायत को लेकर कहा कि ऐसी शिकायतें रोज होती हैं। शुक्रवार को भी कुछ लोग आए थे और आरोप लगा रहे थे। अभी तक मुझे कलेक्टोरेट कोई बुलावा नहीं आया है, इसलिए मैं अपने घर कोतमा में हूं।
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शिकायतकर्ता प्रमोद कुमार तिवारी ने कलेक्टर से शिकायत कर बताया कि प्रशांत गौतम और उषा वस्त्रकार ने डिप्टी रजिस्ट्रार के साथ मिलकर फर्जी रजिस्ट्री कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशांत गौतम ने ऊषा वस्त्रकार से 15 लाख रुपये लेकर रजिस्ट्री कराई और शुक्रवार को विकास सिंघानिया को 56 लाख रुपये में भूमि बेच दी। प्रमोद का कहना है कि जब उन्होंने फर्जी रजिस्ट्री का विरोध किया, तो प्रशांत और उसके साथियों ने मारपीट की। सोहागपुर थाने में भी इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई है।