
नईदुनिया प्रतिनिधि, शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में मंगलवार की रात जमीनी विवाद में दो सगे भाइयों की धारदार हथियारों से हमला कर निर्मम हत्या कर दी गई है, जबकि तीसरा भाई गंभीर घायल हालत में जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जूझ रहा है। यह घटना बुढ़ार थाना क्षेत्र के केशवाही चौकी के बलबहरा गांव की है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम बलबहरा निवासी राहुल तिवारी और राकेश तिवारी दीपावली के दूसरे दिन अपनी आटो पार्ट्स की दुकान में दिया जलाने गए थे। तभी गांव का अनुराग शर्मा अपने 10 से अधिक साथियों नीलेश कुशवाहा, नयन पाठक और सचिन शर्मा आदि के साथ दुकान में घुस गया और फरसा, तलवार, डंडे व बंदूक से हमला कर दिया। कुछ देर में ही इस हमले में राकेश तिवारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राहुल तिवारी को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज शहडोल पहुंचाया गया, जहां इलाज शुरू होने से पहले उसने भी दम तोड़ दिया।
वहीं तीसरा भाई सतीश गंभीर हालत में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। बताया जा रहा है कि मरने से पहले राकेश ने मोबाइल पर कैमरे में बयान दर्ज कराया, जिसमें उसने हमलावरों के नाम लेकर पूरी घटना बताई। उसने बताया है कि अनुराग शर्मा, सचिन शर्मा और उनके साथियों ने दुकान में घुसकर हमला किया और दुकान में तोड़फोड़ व लूटपाट की है।
वही मृतकों के पिता पुरुषोत्तम तिवारी ने बताया कि विवाद उनकी 99 डिसमिल पट्टे की जमीन को लेकर चल रहा था। 2021 में भी अनुराग शर्मा ने उन्हें पिस्टल अड़ाकर धमकी दी थी, जिसके बाद मामला दर्ज हुआ था। परिवार का आरोप है कि उसी रंजिश के चलते यह दोहरी हत्या की गई। पुलिस ने मुख्य आरोपित अनुराग शर्मा और उसके कुछ साथियों को हिरासत में ले लिया है, जबकि बाकी फरार आरोपितों की तलाश पुलिस कर रही है।
दीपावली की खुशियों के बीच बलबहरा गांव में मातम पसर गया है। दो बेटों का शव देखकर परिवार शोक में डूबा गया है। एसपी रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि प्रथम दृष्टया जमीनी विवाद के चलते अनुराग शर्मा नामक व्यक्ति ने हमला किया, जिसमें दो की मौत हो गई है और एक घायल है। मामले की वैधानिक कार्रवाई करते हुए कुछ लोगों को राउंडअप किया है, फिलहाल कार्रवाई चल रही है।
मंगलवार की रात जमीनी विवाद में हुए दोहरा हत्याकांड के बाद केशवाही चौकी प्रभारी आशीष झरिया को पुलिस अधीक्षक राम जी श्रीवास्तव ने पुलिस लाइन अटैच कर दिया है। इसके पहले केशवासी पुलिस चौकी क्षेत्र में ही दुर्गा विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी की घटना सामने आई थी। उस समय से ही चौकी प्रभारी को हटाने की मांग हो रही थी। उस समय तो चौकी प्रभारी बच गए थे लेकिन इस बार पुलिस अधीक्षक ने हटाने में कोई देर नहीं लगाई।