नईदुनिया प्रतिनिधि, शुजालपुर। तृतीय अपर सत्र न्यायालय ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म के मामले में सौतेले पिता को दोषी करार देते हुए कठोर दंड सुनाया है। न्यायालय ने आरोपित को पॉक्सो एक्ट एवं भारतीय दंड संहिता तीन अलग-अलग धाराओं के तहत 20-20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही पीड़िता को मानसिक व शारीरिक क्षति की भरपाई के लिए एक लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश भी दिए गए हैं। यह राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। कोर्ट ने आरोपित पर कुल तीन हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
घटना 28 नवंबर 2023 की सुबह की है। पीड़िता की मां और बहनें जब गोबर डालने के लिए घर से बाहर गई थीं, तब आरोपित ने घर में अकेली मौजूद पीड़िता को निशाना बनाया। वह उस समय रसोई में काम कर रही थी। आरोपित ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए दुष्कर्म किया। पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर घटना की जानकारी मां को दी और 29 नवंबर को थाना शुजालपुर सिटी में रिपोर्ट दर्ज कराई। पीड़िता की मां का दूसरा विवाह आरोपित से हुआ था।
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अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी संजय मोरे ने बताया कि सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पीड़िता के बयान, एफएसएल रिपोर्ट, मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट सहित अन्य साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत इन साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोप सिद्ध होने पर आरोपित को कठिन कारावास की सजा सुनाई।
साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित को दोषी मानते हुए धारा 376(3) भादवि, धारा 5(एन) एवं धारा 5(एल) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट के तहत सजा सुनाई। इस प्रकरण में अभियोजन की ओर से एडीपीओ संजय मोरे ने पैरवी की, जबकि न्यायालय कार्यवाही में कोर्ट मोहर्रिर धर्मेंद्र राजपूत का विशेष सहयोग रहा।