मोरटा केवड़ी। मध्यप्रदेश राज्य के शाजापुर जिले की अवंतीपुर बड़ोदिया तहसील को बाबा गरीब नाथ धाम से भी जाना पहचाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से यूं तो कस्बे में कई मंदिर है। वहीं कस्बे को अपनी अलग पहचान दिलाने वाली दो प्रमुख शक्ति जिनमें मां लालबाई फूलबाई एवं बाबा गरीबनाथ धाम आदि शामिल है। मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य प्रांतों के श्रद्धालु भी अपनी मन्नातें लेकर यहां आते हैं। हम बात कर रहे हैं संत श्री बाबा गरीब नाथ की, जिन्होंने अवंतीपुर बड़ोदिया में जीवित समाधि लेकर क्षेत्रवासियों को किसी भी प्रकार की हानि से बचाने का वचन दिया था, जो आज भी यथावत है। ग्रामीणों के मुताबिक समाधि स्थल पर मत्था टेकने मात्र से ही भक्तगणों मन्नातें पूरी हो जाती है। इसी क्रम में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी बाबा गरीब नाथ समाधि स्थल पर बाबा गरीब नाथ का गुणगान कर चुके हैं। वर्षो पुरानी इस परंपरा आगाज रंग पंचमी से प्रारंभ होगा जिसका समापन 31 मार्च को होगा।
एक वर्ष बाद यथावत
निकलना पूजन सामग्री
जहां संपूर्ण क्षेत्र रंग पंचमी पर्व पर रंग-गुलाल में सराबोर रहता है। वही दूसरी ओर बाबा गरीब नाथ की पावन नगरी अवंतीपुर बड़ोदिया में बाबा गरीब नाथ की आराधना में भक्तों रमे रहते हैं। यह आयोजन 22मार्च से प्रारंभ होकर 31 मार्च तक चलेगा। इस दौरान नौ-नौ फीट सागोन की लकड़ी के पाटों से निर्मित 80 फीट ध्वज रस्सी के सहारे उतारकर शाम 5 बजे प्रशासनिक अधिकारी समिति के पदाधिकारियों के साथ विशेष पूजा करने के बाद चढ़ाया जाता है। बाबा के ध्वज को चढ़ाते वक्त बाबा के जयकारों से नगर गुंजायमान हो जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं द्वारा समाधि स्थल पर जो पूजन सामग्री नमक नारियल पान रुपए आदि भेंट के रूप में चढ़ाए जाते हैं वह अगले वर्ष उन्हें यथावत अवस्था में समाधि स्थल पर गड्ढा खोदने के बाद निकलते हैं। यह चमत्कार से कम नहीं है। यह सब सामग्री समाधि स्थल पिंड में डाली जाती है। ग्राम वासियों का कहना है की महात्मा जी की श्रद्धालुओं पर असीम कृपा है। महात्मा की समाधि में नमक, पान, नारियल, रुपए भेंट चढ़ाए जाते हैं। एक साल बाद भी उसी स्थिति में सामग्री देखने को मिलती है। उक्त सामग्री को श्रद्धालु प्रसाद के रूप में प्रयोग करते हैं। जिन माताओं की गोद सूनी होती है वह संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ति के लिए ध्वज पर गाय के गोबर से स्वास्तिक बनाती है। एक वर्ष बाद जब गोद भर जाती है तब स्मृति चिन्ह पर बनाए स्वास्तिक को सीधा कर देती है।
बाबा गरीबनाथ का मेला 22 मार्च को प्रारंभ होगा जो 31 मार्च तक चलेगा। मेले में पेयजल ,बिजली की व्यवस्था बाबा गरीब नाथ के ध्वज को उतारने चढ़ाने के लिए रस्सियां, नवीन पाट को तैयार करने का कार्य पुरजोर तरीके से चल रहा है।