
नईदुनिया प्रतिनिधि, शाजापुर। जिले के कालापीपल क्षेत्र के ग्राम इमलीखेड़ा में दक्षिण अफ्रीका की टीम की मदद से बोमा पद्धति से हेलिकॉप्टर से हांका लगाकर 34 कृष्णमृग बुधवार को पकड़े गए। इन्हें विशेष ट्रकों से गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मंदसौर के जंगल में छोड़ा गया। इसके पहले सोमवार को 45 कृष्णमृग पकड़े गए थे। इस तरह ग्राम इमलीखेड़ा क्षेत्र से दो बार में कुल 79 मृग पकड़े गए हैं। बुधवार को वन विभाग की टीम द्वारा इमलीखेड़ा गांव क्षेत्र से बोमा हटाकर सामान समेट लिया गया है। अब कालापीपल क्षेत्र के ही अरनियाकलां क्षेत्र में बोमा लगाया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश और विशेषकर पश्चिम मध्य प्रदेश के राजस्व क्षेत्र में कृष्णमृग एवं रोजड़ों के खेतों को नुकसान पहुंचाने की समस्या के निदान के रूप में दक्षिण अफ्रीका की कंजर्वेशन साल्यूशंस की टीम एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलिकॉप्टर और बोमा पद्धति से कृष्णमृगों को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है। अभियान की शुरुआत 15 अक्टूबर से हुई है, यह पांच नवंबर तक चलेगा। बुधवार को ग्राम इमलीखेड़ा से 34 कृष्णमृग को किसानों के खेतों से पकड़कर गांधीसागर वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में छोड़ा गया। इससे किसानों को होने वाले फसल नुकसान में कमी आएगी।
अभियान में हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है। हेलिकॉप्टर से ही हांका लगाकर कृष्णमृग को बोमा तक लाया जा रहा है। सोमवार को हेलिकॉप्टर से हांका लगाकर 45 कृष्णमृग पकड़े गए। इसके बाद हेलिकॉप्टर शाजापुर पुलिस लाइन मैदान में लाकर खड़ा किया गया। जानकारी के अनुसार इस हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आ गई। जिसे मंगलवार को दुरुस्त करने की कवायद की गई। हालांकि इसके बाद भी हेलिकॉप्टर का उपयोग नहीं हुआ। ऐसे में बुधवार को चलाए गए अभियान के लिए दूसरा हेलिकॉप्टर बुलाना पड़ा। बुधवार शाम को पुलिस लाइन शाजापुर के मैदान में दो हेलिकॉप्टर खड़े रहे।
अभियान में कुल 400 कृष्णमृग और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है। बुधवार तक 79 कृष्णमृग पकड़कर गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मंदसौर के जंगल में छोड़े गए हैं। अभियान में अब तक दो बार हेलिकॉप्टर से हांका लगाया गया है। दोनों ही बार कृष्णमृग पकड़े गए हैं। अब तक एक भी नीलगाय नहीं पकड़ी जा सकी है। अधिकारियों का कहना है कि अभियान में दस स्थान चिह्नित किए गए हैं। जहां से इन्हें पकड़ा जाएगा।
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वर्षों से किसान फसलों में हिरण, नीलगाय और रोजड़े के झुंडों से परेशान थे। ये वन्यजीव गेहूं, चना, मसूर, प्याज, लहसुन जैसी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार किसानों ने ज्ञापन देकर शासन से कार्रवाई की मांग की थी। कालापीपल विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने इस समस्या को गंभीरता से समझा। इस अभियान के प्रारंभ होने में उनके विशेष प्रयास महत्वपूर्ण हैं। शुजालपुर से लेकर कालापीपल विधानसभा तक 10 स्थानों को चिन्हित किया गया है जिनमें उमरसिंगी, खड़ी रोड, इमलीखेड़ा, भानियाखेड़ी, डुगलाय, अरनियाकलां सहित अन्य गांव शामिल हैं। इन गांवों में बोमा पद्धति से नीलगाय और कृष्णमृग इस अभियान में पकड़े जाने हैं।