CM in Sheopur: श्योपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भाजपा की प्रचंड जीत के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निशाने पर भितरघाती हैं। श्योपुर जिले की दोनों सीटों पर पार्टी की हार की समीक्षा करने पहुंचे शिवराज सिंह भितरघातियों पर नाराज दिखे। भितरघात का आरोप झेल रहे निवर्तमान विजयपुर विधायक सीताराम आदिवासी जब मुख्यमंत्री को माला पहनाने मंच पर पहुंचे तो सीएम ने न सिर्फ उनसे माला पहनने से इन्कार कर दिया, बल्कि हट यहां से भाग कहकर बुरी तरह फटकार दिया।
नपा के आडेटेरियम भवन में भाजपा के महामंत्री शशांक भूषण नेताओं को मंच पर आमंत्रित कर रहे थे। इस दौरान कुछ नामों को लेकर कार्यकर्ताओ ने हंगामा करते हुए भितरघातिों को मंच पर बैठाने का विरोध कर दिया, जिसमें से विजयपुर के निवर्तमान विधायक सीताराम आदिवासी, विजयपुर नगरपरिषद अध्यक्ष कमलेश कुशवाह सहित आधा दर्जन नेता थे। कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद वे मंच पर नहीं चढ़ सके। हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री को निवर्तमान विधायक सीताराम आदिवासी माला पहनाने गए तो मुख्यमंत्री ने स्वागत स्वीकारे बिना उन्हे फटकार कर भगा दिया। याद रहे कि मुख्यमंत्री ने सीताराम को हमेशा अपना मित्र बताया और उन्हे तीन बार पार्टी से विधान सभा का टिकट देकर चुनाव भी लड़ाया। शिवराज और सीताराम की दोस्ती को प्रदेश में सुदामा और भगवान की जोड़ी निरूपित किया जाता रहा है।
शिवराज ने कहा कार्यकर्ता साथियों, मैं हर पल तुम्हारे साथ खड़ा हूं, ये आपको वचन देने आया हूं। ये अजूबा है कि 3 दिन भी नहीं हुए हों रिजल्ट के और जिन सीटों पर जीत नहीं पाए, कोई आया हो। मैं तो तुम्हारा हूं, तुम्हारे लिए खड़ा हूं। आज हम संकल्प करेंगे कि किसी भी हालत में श्योपुर विधानसभा और विजयपुर विधानसभा से मुरैना लोकसभा में इतनी बड़ी लीड देंगे, वोटो से जिताएंगे की दुनिया आश्चर्य करेगी की कितनी बड़ी जीत श्योपुर वालों ने दी है।
दौरे पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव में जिले की दोनों सीटों पर हार का मंथन बंद कमरे में जिले के चिन्हित कार्यकर्ताओं के साथ किया। इस दौरान कार्यकर्ता और मुख्यमंत्री एक-दूसरे से रूबरू हुए और सवाल जवाब भी हुए, लेकिन सबसे अधिक चर्चा का विषय जिला नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपा गया बंद लिफाफा था, जिसे मुख्यमंत्री अपने साथ ले गए। सूत्रों की मानें तो इस लिफाफे में एक दर्जन उन नेताओं नाम लिखे गए हैं जिन्होंने भाजपा में रहकर भाजपा प्रत्याशियों को हराने का काम भीतरघात के माध्यम से किया। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट बता दिए कि जो लोग कार्यकर्ता के रूप में पार्टी के साथ विश्वासघात कर पार्टी का नुकसान पहुंचाने का काम करेगा उसे माफ नहीं किया जाएगा।