
नीरज शर्मा, नईदुनिया, श्योपुर: देश में चीता संरक्षण की सबसे बड़ी मिसाल बन चुके मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 2026 को दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना से आठ नए चीते भारत लाए जाएंगे, जिनमें दो वयस्क मादा चीते और उनके छह छोटे शावक शामिल होंगे।
इस आगमन के साथ ही कूनो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में चीता संरक्षण का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। बोत्सवाना से आए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने कूनो नेशनल पार्क का गहन निरीक्षण कर लिया है। इस दल में पशु चिकित्सक, सुरक्षा अधिकारी और वन्यजीव जीवविज्ञानी शामिल थे। टीम ने चीतों के लिए विकसित किए गए बाड़ों, पशु चिकित्सा सुविधाओं, निगरानी व्यवस्था और सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा के बाद प्रोजेक्ट चीता के अगले चरण को हरी झंडी दे दी है।

बोत्सवाना की राजधानी गैबोरोन स्थित सर सेरेत्से खामा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से भारतीय वायुसेना का एक विशेष परिवहन विमान इन चीतों को लेकर भारत के लिए उड़ान भरेगा। हजारों किलोमीटर की यात्रा के बाद विमान ग्वालियर वायुसेना स्टेशन पर उतरेगा।
यहां से चीतों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए सीधे कूनो नेशनल पार्क पहुंचाया जाएगा। कूनो पहुंचते ही चीतों को सीधे खुले जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार पहले उन्हें एक बड़े सुरक्षित बाड़े में रखकर क्वॉरंटाइन और आइसोलेशन में रखा जाएगा। पशु चिकित्सा जांच पूरी होने और व्यवहारिक अनुकूलन के बाद ही उन्हें चरणबद्ध तरीके से जंगल में छोड़ा जाएगा।

यह पहली बार होगा जब भारत में मादा चीते अपने शावकों के साथ लाई जाएंगी। इससे कूनो में प्राकृतिक प्रजनन की संभावना और मजबूत होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत में स्थायी चीता आबादी स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
भारत में चीतों की वापसी का सफर 17 सितंबर 2022 को शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए 8 चीतों (5 मादा, 3 नर) को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाए गए। आज की स्थिति में मध्यप्रदेश में व्यस्क और शावकों को मिलाकर कुल 32 चीते हैं।
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सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि जहां दुनिया में चीतों के जीवित रहने की औसत दर 40 प्रतिशत मानी जाती है, वहीं मध्यप्रदेश में यह दर 61 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। यह आंकड़ा भारत के संरक्षण प्रयासों की वैश्विक सफलता की कहानी कहता है।
बोत्सवाना से आए सर्वे दल ने कूनो नेशनल पार्क की सभी व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण कर लिया है और टीम ने तैयारियों को पूरी तरह संतोषजनक बताते हुए ओके दे दिया है। चीतों के आवास, सुरक्षा, पशु चिकित्सा और निगरानी से जुड़ी व्यवस्थाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। अब चीतों के आगमन को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यह चरण प्रोजेक्ट चीता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है
-उत्तम कुमार शर्मा, फील्ड डायरेक्टर, प्रोजेक्ट चीता