
नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के एक शासकीय विद्यालय में मिड-डे मील योजना में बच्चों को थाली के स्थान पर रद्दी के कागज पर भोजन परोसकर खिलाया जा रहा था। बर्तन न मांजने पड़े, इसलिए भोजन उपलब्ध कराने वाले स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों की ओर से ऐसा किया गया और स्कूल के शिक्षकों ने भी यह लापरवाही और मनमानी करने दी।
रद्दी के कागज पर भोजन करते बच्चों का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन के सामने जब मामला सामने आया तो कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद मिड-डे मील बनाने वाले स्वयं सहायता समूह का अनुबंध समाप्त करने के साथ ही स्कूल के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। दो अन्य शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है।
MP के स्कूल की शर्मनाक तस्वीर... बर्तन ना धोने पड़ें, इसलिए रद्दी के कागज पर बच्चों को परोसा मिड-डे मील, Video वायरल pic.twitter.com/JJj7Ek5nEV
— NaiDunia (@Nai_Dunia) November 7, 2025
विजयपुर क्षेत्र के हुल्लपुर माध्यमिक शाला में यह मामला मामला 4 नवंबर को सामने आया है। वीडियो में जमीन पर बैठकर मासूम बच्चे कागजों पर रखे चावल और सब्जी खाते दिखाई दे रहे हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) हरिशंकर गर्ग की जांच रिपोर्ट के अनुसार, खाना उपलब्ध कराने वाले स्वयं सहायता समूह की ओर से पक्ष रखा गया कि समूह में पांच महिलाएं हैं। इनमें से दो महिलाएं बाहर थीं। इसके चलते सात दिन से तीन महिलाएं ही काम कर रही थीं। बर्तन न मांजना पड़े, इसलिए कागज पर भोजन खिलाया जा रहा था।
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जिला शिक्षा अधिकारी एमएल गर्ग ने बताया कि प्रारंभिक जांच में समूह और स्कूल स्टाफ की लापरवाही सामने आई है। नतीजतन, तत्काल कार्रवाई की गई है। कलेक्टर अर्पित वर्मा ने कहा मिड-डे मील योजना का उद्देश्य बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराना है। ऐसे में, बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। यह मामला सामने आने के बाद सभी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में मिड-डे मील वितरण की नियमित निगरानी करने की हिदायत दी है।