
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के तहत मध्य प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी नियंत्रण वाली यात्री बसें अप्रैल, 2027 तक संचालन में आ जाएंगी। इस योजना के अंतर्गत कुल 10,879 बसें चलाई जाएंगी। ये बसें निजी ऑपरेटरों की होंगी, लेकिन इनके संचालन, प्रबंधन और किराया संरचना पर पूरा नियंत्रण शासन के पास रहेगा।
योजना की शुरुआत अप्रैल, 2026 से इंदौर के आठ अंतर्शहरी और 24 उपनगरीय मार्गों पर की जाएगी। संचालन कार्य में देरी न हो, इसलिए हर चरण और गतिविधि की स्पष्ट समय-सीमा तय कर दी गई है। बसों का किराया शुरुआती एक किलोमीटर के लिए सात रुपये तथा उसके बाद प्रति किमी 1.25 रुपये निर्धारित है। इसी दर से 50 किमी का किराया 70 रुपये बनता है, जबकि वर्तमान में निजी बस संचालक 50 प्रतिशत तक अधिक किराया वसूल रहे हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में बस सेवा को चरणबद्ध ढंग से पूरे प्रदेश में लागू करने की रूपरेखा तय की गई। तय कार्यक्रम के अनुसार सेवा शुरू होने के एक वर्ष के भीतर सभी जिलों में सुगम परिवहन सेवा उपलब्ध होगी। फिलहाल इंदौर, उज्जैन, सागर और जबलपुर के लिए यात्रियों की संख्या एवं मार्ग सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया गया है।
परिवहन विभाग ने इंदौर संभाग के जिलों के मार्ग 15 दिसंबर, 2025 तक और उज्जैन क्षेत्र के मार्ग 26 नवंबर से पहले निर्धारित करने का लक्ष्य रखा है। बसों के व्यवस्थापन के लिए इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है, जिसमें व्हीकल लोकेशन, ट्रैकिंग, किराया संग्रहण और अलर्ट जैसे 18 मॉड्यूल शामिल हैं। हालांकि ITMS सॉफ्टवेयर का पूर्ण निर्माण मई, 2026 तक संभव होगा।
किस चरण में कहां शुरू होगी सेवा:
प्रथम चरण – इंदौर शहर से 50 किमी दायरे के शहरी व अंतर्शहरी रूट
रूट: 32
बसें: 310
समय सीमा: अप्रैल, 2026
द्वितीय चरण – इंदौर संभाग के सभी जिले
रूट: 771
बसें: 1706
समय सीमा: जून, 2026
तृतीय चरण – भोपाल व उज्जैन शहर से 50 किमी दायरे वाले रूट
रूट: भोपाल 50, उज्जैन 23
बसें: भोपाल 152, उज्जैन 127
समय सीमा: जुलाई, 2026
चौथा चरण – उज्जैन संभाग के सभी जिले
रूट: 386
बसें: 1318
समय सीमा: नवंबर, 2026
पांचवां चरण – सागर एवं जबलपुर संभाग
रूट: 1228
बसें: 2635
समय सीमा: दिसंबर, 2026
छठा चरण – भोपाल व नर्मदापुरम संभाग
रूट: तय नहीं
बसें: 1843
समय सीमा: अप्रैल, 2027
सातवां चरण – रीवा एवं शहडोल संभाग
रूट: निर्धारित नहीं
बसें: 1470
समय सीमा: अप्रैल, 2027
आठवां चरण – ग्वालियर एवं चंबल संभाग
रूट: निर्धारित नहीं
बसें: 1318
साल 2005 में 700 करोड़ रुपये से अधिक घाटे के कारण मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम बंद हो गया था। इसके बाद से बस संचालन पूरी तरह निजी क्षेत्र पर निर्भर था, जिससे मनमाना किराया, वाहनों की खराब फिटनेस और क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने जैसी समस्याएं लगातार सामने आ रही थीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पदभार ग्रहण करने के बाद दोबारा सरकारी सार्वजनिक परिवहन सेवा शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद यह योजना लागू की जा रही है।
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