नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी-करैरा। जिले में खाद को लेकर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। शासन-प्रशासन के पर्याप्त खाद उपलब्ध होने के दावे के बावजूद किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पा रही है। नतीजा यह है कि खाद गोदामों पर आए दिन विवाद, धक्का-मुक्की और मारपीट की घटनाएं हो रही हैं।
सोमवार को करैरा के बाद कोलारस में भी हालात बिगड़ गए। कृषि उपज मंडी स्थित डबल लॉक गोदाम पर खाद वितरण के दौरान किसानों में धक्का-मुक्की और झगड़ा हो गया। कई किसानों के कपड़े तक फट गए। जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने 650 किसानों को डीएपी के लिए टोकन बांटे थे। एक किसान को 5 कट्टे मिलने थे, यानी 3250 कट्टों की जरूरत थी। लेकिन गोदाम में केवल 1000 कट्टे ही उपलब्ध थे।
इस स्थिति को देखते हुए हर किसान लाइन में आगे लगने की कोशिश करने लगा। भीड़ बढ़ते ही आपसी विवाद ने मारपीट का रूप ले लिया। पुलिस मौके पर पहुंची और बमुश्किल किसानों को अलग कराया। बाद में प्रशासन ने नियम बदलते हुए एक किसान को 5 की जगह 3-4 कट्टे दिए। इसके चलते करीब 300 किसानों को ही खाद मिल पाया, जबकि 350 से अधिक किसान खाली हाथ लौटे।
नायब तहसीलदार पर बर्खास्तगी की मांग
खाद संकट के बीच करैरा में किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। 19 सितंबर को टोकन की लाइन में लगे किसान महेंद्र लोधी को थप्पड़ मारने वाले नायब तहसीलदार विजय त्यागी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर किसानों ने लोधी समाज महासभा के बैनर तले करैरा तहसील में प्रदर्शन किया। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो 25 सितंबर से वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे।
किसानों की प्रमुख मांगें-
दिनारा के एक व्यापारी द्वारा खाद 275 रुपये की जगह 430 रुपये में बेचा जा रहा है, उसका लाइसेंस रद्द हो।
खाद वितरण केंद्रों पर किसानों के लिए पानी और टेंट की व्यवस्था की जाए।ग्रामीण क्षेत्र में अघोषित बिजली कटौती बंद हो। बेसहारा मवेशियों से फसल बचाने के लिए सरकारी गौशाला की व्यवस्था की जाए।
प्रशासन का पक्ष
कोलारस तहसीलदार सचिन भार्गव ने बताया कि "आज करीब 300 किसानों को 1000 कट्टों का वितरण किया गया है। बाकी किसानों को अगली खेप आने पर खाद दी जाएगी।"