नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। विजयपुर में हुए उपचुनाव के हलफनामे में आपराधिक मामलों को छिपाने के आरोप झेल रहे कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मंगलवार को उन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों से झटके मिले। सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया, जबकि हाईकोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली। उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री रामनिवास रावत की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है।
मंगलवार को मुकेश मल्होत्रा के आवेदनों पर सुनवाई हुई, जिसमें करीब 35 मिनट तक चली सुनवाई के दौरान सभी आवेदनों को खारिज कर दिया गया। हालांकि, एक प्रकाशन संबंधी आवेदन को सुनवाई में शामिल किया गया। याचिकाकर्ता रामनिवास रावत के अधिवक्ता वीके शर्मा ने बताया कि सभी आवेदनों पर कई दिनों से सुनवाई चल रही थी। कांग्रेस विधायक मुकेश मल्होत्रा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत की याचिका तकनीकी कारणों से सुनने योग्य नहीं है।
लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। रामनिवास रावत ने चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि मल्होत्रा ने नामांकन के समय अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों की जानकारी छिपाई है। रावत ने चुनाव को शून्य घोषित कर दोबारा मतदान कराने की मांग की है, यह आरोप लगाते हुए कि मल्होत्रा ने दो अलग-अलग हलफनामों में भिन्न जानकारी दी, जो गंभीर निर्वाचन उल्लंघन है।
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