नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवपुरी। जिले में बारिश एक बार फिर आफत बन चुकी है। खासतौर पर कोलारस, बदरवास में हालात फिर से खराब हैं। ये इलाका अभी पिछली बार आई बाढ़ की मुसीबत से उभरा भी नहीं था कि अब एक बार फिर बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सिंध नदी भले ही शांत है, लेकिन गुंजार नदी उफान पर है..नदी नाले ओवरफ्लो हो चुके हैं।
हालात ये है कि लोगों के घरों में पानी भर गया है। एक युवक पानी में बह गया, जिसको खोजने में अब तक प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम जुटी हुई है। इसके अलावा ट्रैक्टर भी पानी में डूब गए। कुछ स्कूलों में पानी भरने के बाद शनिवार को छुट्टी करना पड़ी है। शहर में भी स्थिति कोई खास बेहतर नहीं है, निचली बस्तियों में पानी भर चुका है। दिन भर से रूक-रूककर बारिश का दौर जारी है।
जिले में दो दिन से बारिश का दौर जारी है। पहले सिंध नदी ने आफत बरसाई थी तो अब गुंजार नदी के उफान पर आने से लोगों की सांसे गले में अटक गई हैं। नाले ओवरफ्लो होकर रपटों के ऊपर से बह रहे हैं। लोग भगवान से बारिश रुकने की प्रार्थना कर रहे हैं। रात में घरों में पानी भर गया, लोग रात भर बाल्टियों और बर्तनों से घर से पानी निकालने में जुटे रहे। पूरी रात आंखों में कट गई, क्योंकि लोगों को डर था कि यदि अधिक पानी बरसा तो सामान भी बर्बाद हो सकता है।
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने रात में ही मोर्चा संभाल लिया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था, साथ ही नदी एवं नालों के जलस्तर की निगरानी की जा रही है। जिससे यदि स्थिति बिगड़ती है तो तुरंत लोगों को यहां से बाहर निकाला जा सके। लालपुर गांव में जहां बीते रोज केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि वितरित की थी, वहां फिर से बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। इसी प्रकार की स्थिति लगदा गांव में भी है। यहां पर जेल रोड, रोई रोड स्थित स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल, पुरानी सब्जी मंडी के पास पानी भर गया।
खरई गांव में बारिश के कारण तालाब ओवरफ्लो हो गया। तालाब से निकली नालियों को किसानों ने खेतों में पानी भरने के डर से बंद कर दिया था। जिससे खरई स्वास्थ्य केंद्र में 2-4 फीट तक पानी भर गया। जिससे एंबुलेंस भी स्वास्थ्य केंद्र तक नहीं पहुंच पा रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों से प्रसव के आने वाली प्रसूताओं सहित अन्य मरीजों को पानी में डूब में से उपचार व प्रसव के लिए जाना पड़ रहा है।
खास बात यह है कि पानी सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र में ही नहीं भरा है बल्कि अब गांव की गलियों में भी पानी भरना शुरू हो गया है। कोलारस बीएमओ डॉ. संजय राठौर के अनुसार यह बात सही है कि परेशान हो रही है, परंतु गांव वालों ने नालियां बंद कर दी हैं और वह उन्हें खोलने भी नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि कोलारस एसडीएम सहित सीएमएचओ साहब को पत्र लिख कर वस्तुस्थिती से अवगत करवा दिया गया है, कि अगर रात में पानी और बरसा तो निश्चित तौर पर अब पानी स्वास्थ्य केंद्र के अंदर तक आ जाएगा।
इस मामले में एसडीएम अनूप श्रीवास्तव का कहना है कि सूचना मेरे पास आई है, मैंने वहां तहसीलदार और पटवारी को भेज दिया है। वह मौके पर हिटैची से चौक पड़ी नालियों को खुलवा रहे हैं, ताकि न सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र का बल्कि गांव की गलियों का पानी भी बाहर निकल सके। इसके अलावा अगर और बारिश भी होती है तो, लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
गोडर मोहल्ला कोलारस निवासी मुकेश राठौर उम्र 50 वर्ष मां बलारी क्रशर बामोर पर काम करता था। वह शनिवार की दोपहर वह कुछ नशे की हालत में जब जगतपुर से खटीक मोहल्ले के लिए जाने वाले मार्ग से निकल रहा था। इस दौरान गुंजार नदी के ऊपर बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा था। मुकेश जब यहां से गुजरा तो नशे में होने के कारण उसने ध्यान नहीं दिया, जिससे वह नदी में बह गया।
घटना की जानकारी लगते ही एसडीएम अनूप श्रीवास्तव, थाना प्रभारी रवि चौहान सहित प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। काफी खोजने के बाद भी जब युवक का कुछ पता नहीं चला तो तुरंत एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी गई। देर शाम तक एसडीआरएफ की टीम नदी में युवक को तलाशती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा।
भड़ोता रोड पर पानी की टंकी के पास बना नाला भी ओवरफ्लो हो चुका है। बीती रात को जब यहां से कार गुजर रही थी तो वह अनियंत्रित होकर नाले में गिर गई। लोगों ने जब ये देखा तो तुरंत ट्रैक्टर की मदद से कार को बाहर निकाला गया। हालांकि हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
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मंडी से अपनी मक्के की भुटिया भरकर ट्र्रैक्टर से जा रहा किसान जब पिपरोदा गांव से गुजर रहा था कि तभी हादसे का शिकार हो गया। यहां रेलवे पुल के नीचे भरे पानी में ट्रैक्टर बुरी तरह से फंस गया और डूब गया। बाद में ग्रामीणों ने जैसे-तैसे उसे दूसरे ट्रैक्टर से खींचकर बाहर निकाला।
कोलारस के दीगोदी पुलिया से पानी ऊपर से बह रहा है। तेज बारिश और पानी भरने के कारण पुलिया पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। लोगों का आवागमन ठप हो गया है। जिससे दीगोदी गांव का दूसरे गांवों से संपर्क ही कट गया है।