
नईदुनिया प्रतिनिधी, शिवपुरी। पिछोर के जेएमएफसी न्यायाधीश विकास विश्वकर्मा ने विवाहिता को दहेज के लिए प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मी पति व जेठ सहित देवरों, जेठानी व सास को दो-दो साल के कारावास सहित अर्थदंड से दंडित किया है।
शासन की ओर से पैरवी एडीपीओ मानसी गर्ग ने की। खास बात यह है कि न्यायायल ने पूरे परिवार को सजा सुनाते हुए यह टिप्पणी भी की है कि अगर रक्षक ही भक्षक का कार्य करे तो समाज को प्रभावित करता है, ऐसे लोगों को शिक्षाप्रद दंड दिया जाना आवश्यक है। ताकि सामाजिक स्तर पर ऐसे अपराधों को बढ़ावा न मिले।
अभियोजन के अनुसार पीड़िता विद्या जाटव ने थाने में 5 जनवरी 2020 को शिकायत दर्ज करवाई थी कि, उसकी शादी 19 अप्रैल 2017 को झाबुआ पुलिस लाइन निवासी पुलिस उपनिरीक्षक सुनील पुत्र स्व सुरेश पाल जाटव से हुई थी। पिता ने दहेज देकर बेटी की शादी की।
शादी के बाद से ही ससुराल वाले विद्या को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। उनका कहना था कि वह अपने पिता के घर से दस लाख रुपये नकद और एक कार लेकर आएगी तो उसे रखेंगे अन्यथा नहीं रखेंगे। इसी क्रम में उसे मायके छोड़ जाते थे, तो लेने ही नहीं आते थे।
पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसका एसआइ पति सुनील जाटव उसकी कनपटी पर सर्विस रिवाल्वर रखकर धमकी देता था कि तू मर जा, अगर नहीं मरी तो किसी दिन मैं तुझे मार डालूंगा।
पीड़िता के अनुसार उसके एएसआइ जेठ प्रवीण जाटव, देवर अजय और रवि जाटव, सास शुक्रा जाटव व जेठानी रिचा जाटव भी उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते तथा मारपीट करते थे।
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शिकायत के आधार पर पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ अपराध क्रमांक 18/20 अंतर्गत धारा 498ए, 294, 323, 506, 34 भादंस एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान प्रकरण सामने आए तथ्यों के आधार पर न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए सभी आरोपितों को अलग-अलग धाराओं में दो साल तक के कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।