
राजेश वर्मा, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुसार 10 से 14 जनवरी तक शिव परंपरा पर आधारित महाकाल महोत्सव का आयोजन होगा, मंदिर समिति उत्सव को लेकर तैयारी में जुटी है। महाकाल के आंगन में शैव परंपरा पर होने जा रहे आयोजन को लेकर धर्मशास्त्र, ज्योतिष, खगोल व पुरातत्व के विद्वान बेहद खुश हैं, उनका कहना है कि धर्मधानी में शिव उत्सव की परंपरा 2100 साल पुरानी है।
उज्जयिनी के सम्राट विक्रमादित्य भी शिव उत्सव का आयोजन किया करते थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उसी पुरातन शैव और शाक्त परंपरा को पुनर्जीवित करने जा रहे हैं। विक्रम विश्व विद्यालय के पुराविद डॉ. रमण सोलंकी ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग आदि और अनंत है युगयुगांतर से इनकी महिमा का गुणगान होता आया है। समय-समय पर महाकाल के आंगन में राजा, महाराजा शिव उत्सव का आयोजन करते आए हैं।
राजा चंद्रप्रदोत तथा सम्राट अशोक मौर्य के शासन काल में शैव महोत्सव का आयोजन होने की बात इतिहासकार स्वीकारते हैं। उज्जयिनी के न्यायप्रिय शासक सम्राट विक्रमादित्य के कालखंड में तो प्रतिवर्ष महाकाल वन परिक्षेत्र में विशाल शैव महोत्सव आयोजित होने के संकेत हमे पुरातात्विक साक्ष्य से प्राप्त होते हैं।
पुराविद् डॉ.सोलंकी ने बताया मुद्राशास्त्री डॉ.आरसी ठाकुर के महिदपुर स्थित अश्विन शोध संस्थान में प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व में टेराकोटा से निर्मित सील संग्रहित है। इस पर ब्राह्मी लिपि में लिखा संस्कृत भाषा का लेख 'विक्रम रूद्रस महव' अंकित है। इसका अर्थ है राजा विक्रम शिव उत्सव आयोजित कर रहे हैं। सील पर मध्य में दाहिने मुंह किए शिव गण नंदी की आकृति अंकित है। यह सील इस बात का प्रमाण है कि सम्राट विक्रमादित्य द्वारा अपने राज्य में शिव उत्सव का भव्य आयोजन करते रहे हैं।
20 नवंबर को कलेक्टर रौशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में शैव परंपरा पर आयोजित महाकाल महोत्सव आयोजित करने का निर्णय हुआ था। समिति ने आयोजन को लेकर तैयारी शुरू कर दी थी। महोत्सव में शैव परंपरा पर परिचर्चा, प्रदर्शनी, विविध सांस्कृतिक प्रस्तुति आदि होना है। इसमें विभिन्न विद्या के मूर्धन्य विद्वान शामिल होंगे।
महाकाल के आंगन में वर्ष 2018 में शैव महोत्सव का आयोजन हुआ था। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर बाहर ज्योतिर्लिंगों के महत्व को प्रसारित करना तथा हिंदू धर्म संस्थानों की गरिमा के अनुरूप वेदोक्त पूजा पद्धति में साम्य स्थापित करना था। 5 से 7 जनवरी 2018 तक आयोजित शैव महोत्सव का शुभारंभ संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने किया था।
महाकाल के बाद यह उत्सव देश के बारह ज्योतिर्लिंग में आयोजित होना था। महोत्सव के समापन पर महाकाल मंदिर से शैव महोत्सव का एक प्रतिनिधि ध्वज सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट को सौंपा गया था, बाद में वहां आयोजन भी हुआ था।