
धीरज गाेमे, नईदुनिया उज्जैन। महाकुंभ सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के लिए मध्यप्रदेश शासन ने उज्जैन में 963 करोड़ के 25 बड़े विकास कार्य प्रस्तावित किए हैं। संभागस्तरीय समिति और मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली पर्यवेक्षण समिति से प्रस्ताव अनुमोदित हो चुके हैं। अब इंतजार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय समिति की स्वीकृति मिलने का है। मंजूरी मिलते ही तेजी से निविदा प्रक्रिया कर काम शुरू कराने का दावा है। प्रस्तावित योजनाओं में सबसे बड़ा हिस्सा उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के जिम्मे है।
प्राधिकरण ने 11 कार्य प्रस्तुत किए हैं, जिनकी लागत 568 करोड़ 75 लाख रुपये आंकी गई है। इनमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 193 करोड़ 33 लाख रुपये से शिप्रा नदी के समानांतर एमआर-22 मार्ग बनाने का है। इसके अलावा, 98 कराेड़ 85 लाख रुपये से भैरवगढ़ जेल चौराहा से पीपली नाका सिक्सलेन मार्ग बनाने और 91 करोड़ रुपये से पीपली नाका से गढ़कालिका मंदिर होकर ओखलेश्वर श्मशान तक का मार्ग चौड़ा करने का प्रमुख हैं।
शहर के भीतर यातायात दबाव कम करने के लिए कई मार्गों के चौड़ीकरण भी प्रस्तावित हैं, जिनमें कंठाल से मेला ग्राउंड से नईखेड़ी मार्ग, भूखी माता से लाल पुल होकर एमआर-22 मार्ग तक, महाराजवाड़ा से हरसिद्धि मंदिर होते हुए शिप्रा नदी तक और शनि मंदिर से जीवनखेड़ी मार्ग शामिल हैं। अफसरों का कहना है कि ये सभी परियोजनाएं सिंहस्थ-2028 की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
प्रस्तावों को समय पर मंजूरी मिलने पर कार्यों की निविदा प्रक्रिया तेज की जाएगी, ताकि अगले तीन वर्षों में सभी प्रोजेक्ट पूरे किए जा सकें। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से न केवल सिंहस्थ के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि उज्जैन की स्थायी शहरी संरचना भी मजबूत होगी। शहर की कनेक्टिविटी, घाटों का सौंदर्यीकरण और पार्किंग प्रबंधन से उज्जैन को एक आधुनिक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में नई पहचान मिलने की उम्मीद है।
उज्जैन नगर निगम ने 255 करोड़ 52 लाख रुपये के 8 प्रस्ताव भेजे हैं। इनमें 122 करोड़ रुपये से शिप्रा घाटों का उन्नयन कार्य, नीलकंठ द्वार से महाकाल चौराहा तक सड़क चौड़ीकरण कार्य, गोपाल मंदिर के सामने रीगल टाकीज तोड़कर वहां पार्किंग-प्लाजा निर्माण, मकोडिया आम चौराहा से तराना मार्ग तक सड़क निर्माण और विस्थापितों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के कार्य शामिल हैं।
उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने महाकाल पार्किंग से चौबीस खंभा माता मंदिर सड़क तक का मार्ग 22 करोड़ 40 लाख रुपये से चौड़ा करना प्रस्तावित किया है। रेलवे ने उज्जैन स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए 91 करोड़ 51 लाख रुपये से 12 मीटर चाैड़े दो नए फुटओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भेजा है। लोक निर्माण विभाग ने नईखेड़ी, पंवासा और चिंतामन गणेश रेलवे स्टेशनों की बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 25 करोड़ 10 लाख रुपये से मार्ग चौड़ीकरण कार्य प्रस्तावित किए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने सिंहस्थ के लिए 23 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाई है। मंत्री मंडलीय समिति, बीती तीन बैठकों में अब तक 9319 करोड़ रुपये के 111 कार्य स्वीकृत कर चुकी है। सिंहस्थ मद के 4229 करोड़ रुपये के और विभागीय मद के 4541 करोड़ रुपये के काम शामिल हैं। 42 कार्य धरातल पर प्रारंभ हो चुके हैं। इनमें जल संसाधन विभाग के पांच, ऊर्जा विभाग के पांच, संस्कृति विभाग के 4 और गृह विभाग के 22 कार्य शामिल हैं। 39 कार्य ठेकेदार तय करने को निविदा प्रक्रिया में है। 20 योजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति प्रक्रियाधिन है। अभी कुछ दिन पहले हुई पर्यवेक्ष समिति की पांचवीं बैठक में 2647 करोड़ रुपये के 33 कार्यों का अनुमोदन हुआ है। इसमें 1205 करोड़ रुपये के काम सिंहस्थ मद के और 1441 करोड़ के काम विभागीय मद से कराना प्रस्तावित है।
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