- कड़छा से बिंजाना तक दिसंबर 2022 तक पूरा होगा काम
- मार्च 2023 तक इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर तक पूरा होगा काम
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर-देवास-उज्जैन रेल मार्ग दोहरीकरण काम को लेकर रेलवे ने उज्जैन से देवास के आगे बिंजाना तक 43 किलोमीटर हिस्से में काम पूरा कर दिया है। अब सिग्नल, इलेक्ट्रिफिकेशन तथा यार्ड रिमाडलिंग का काम पूरा होना है। जिसके बाद बिंजाना से इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर तक काम पूरा किया जाएगा। डीआरएम विनित गुप्ता के अनुसार 31 मार्च 2023 तक काम खत्म होगा।
उज्जैन-इंदौर रेल मार्ग दोहरीकरण काम पूरा होने में अभी एक साल का समय और लगेगा। काम पूरा होने से इंदौर से उज्जैन के बीच करीब 20 मिनट का समय बचेगा। अभी सिंगल लाइन होने से ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशन तथा आउटर पर रोकना पड़ता है।
वर्ष 2017-18 में शुरू हुआ था काम
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में रेल मंत्रालय ने इंदौर-उज्जैन मार्ग के दोहरीकरण की घोषणा की थी। 650 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले काम में सिविल वर्क्स के अलावा सिग्नलिंग विभाग, टीआरडी विभाग, इलेक्ट्रिक पावर विभाग तथा अन्य विभागों के खर्च को शामिल किया गया था। वर्ष 2017-18 में काम की शुरुआत हुई थी। दिसंबर 2020 में उज्जैन से कड़छा के बीच 15 किलोमीटर का काम पूरा हो गया था। फरवरी में कड़छा से बिंजाना तक काम पूरा करने के लिए 200 करोड़ रुपये मिले हैं, दिसंबर 2022 तक बिंजाना तक का काम पूरा कर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से निरीक्षण करवाया जाएगा।
डीआरएम विनित गुप्ता ने बताया कि काम तेज गति से किया जा रहा है। फिलहाल उज्जैन के समीप कड़छा से देवास के आगे बिंजाना स्टेशन तक दिसंबर 2022 तक काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद मार्च 2023 तक बिंजाना से इंदौर तक का काम पूरा किया जाएगा।