
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा है। आस्थावानों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन किया है। अब श्रद्धालुओं को गणेश मंडपम् के स्थान पर कार्तिकेय मंडपम् से दर्शन कराए जा रहे हैं। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का उल्लास छा गया। मंगलवार तड़के 2.45 बजे गर्भगृह के पट खुलते ही चहुंओर जय महाकाल का उद्घोष सुनाई दे रहा है। भक्तों का प्रवेश 5.30 बजे से शुरू हुआ है, जो बुधवार रात 11 बजे तक जारी रहेगा। अपने निराले राजा महाकाल के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो रहे हैं। सामान्य दर्शनार्थियों के लिए नि:शुल्क दर्शन की दो कतार लगी है। एक कतार 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित की गई है।
यहां कीजिए महाकल के लाइव दर्शन
महाकाल मंदिर में शिवरात्रि पर्व पर तड़के 2:45 बजे गर्भगृह के पट खुले थे। इसके बाद पुजारियों ने भगवान का अभिषेक पूजन किया। पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। भक्तों को मंदिर में सुबह 5.30 बजे से प्रवेश देना शुरू किया गया। कई दर्शनार्थी रात में ही कतार में लग गए थे। सुबह प्रवेश के समय चारधाम मंदिर के सामने धक्का-मुक्की की स्थिति भी बनी थी, हालांकि थोड़ी ही देर में स्थिति सामान्य हो गई। मंगलवार दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा की गई। शाम 5 बजे संध्या पूजा होगी। शाम 7 बजे संध्या आरती होगी। रात 12 बजे जिला प्रशासन की ओर से शासकीय पूजा की जाएगी। आज शाम 7 बजे उज्जैन नगरी 21 लाख दीपकों से जगमगाएगी।
नंदी हाल के साथ-साथ गणेश मंडपम् में भी प्रवेश रोका
बता दें कि मंदिर प्रबंध समिति ने भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए मंदिर के नंदी हाल में प्रवेश पर पूर्व से ही प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है। दर्शनार्थियों को गणेश मंडपम् से दर्शन कराने की योजना थी। मगर लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए दर्शनार्थियों को कार्तिकेय मंडपम् से दर्शन कराए जा रहे हैं। यहां जगह अधिक है, इसलिए ऐसा किया गया।

महानिशाकाल में महापूजा
मंदिर की परंपरा अनुसार पुजारी महानिशाकाल में महाकाल की महापूजा करेंगे। 2 मार्च को तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवामन फल व फूलों से बना पुष्प मुकुट सजाया जाएगा। सुबह 6 बजे भगवान को विभिन्न् पकवान, फल व सूखे मेवे का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। सुबह 11 बजे भगवान के शीश से मुकुट उतारा जाएगा। दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्मारती होगी। दोपहर 2.30 बजे भोग आरती के साथ महापर्व संपन्न् होगा। बुधवार रात 11 बजे 44 घंटे बाद मंदिर के पट बंद होंगे।

आला अधिकारियों ने कंट्रोल रूम में डाला डेरा
दर्शन व्यवस्था में नजर रखने के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारी महाकाल मंदिर के कंट्रोल रूम में बैठे हुए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र शुक्ला, यूडीए सीईओ सोजानसिंह रावत आदि सीसीटीवी कैमरों की मदद से दर्शन व्यवस्था पर सतत नजर बनाए हुए हैं।
मंदिर की आकर्षक सज्जा
महाकाल का आंगन फूलों की लड़ी, पोस्टर रांगोली व विद्युत रोशनी से दमक रहा है। मंगलवार शाम गोधूलि वेला में मंगल दीप भी जलेंगे। कोटितीर्थ कुंड व परिसर के 44 मंदिरों में दीप सज्जा होगी। शिव पार्वती विवाह का वैभव भक्तों का मनमोह रहा है। मंदिर प्रशासन ने हर मन की मुराद पुरी करने करने के लिए दर्शन के व्यापक इंतजाम किए हैं। 44 घंटे में 2 लाख से अधिक भक्तों को दर्शन कराने का लक्ष्य तय किया है।

महाशिवरात्रि पर ज्योर्तिलिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर से देखें सीधा प्रसारण 1 मार्च 2022
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