नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। जिले में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहा हैं। सरकारी आंकड़े के अनुसार हाल में छह नए मामले सामने आए हैं। हालांकि सरकारी रिकार्ड में मलेरिया का एक भी मरीज नहीं मिला है। जबकि निजी अस्पतालों में मलेरिया और वायरल फीवर के मरीजों भरमार है।
मलेरिया विभाग हर साल की तरह इस बार भी तालाबों में एक लाख गम्बूशिया मछली छोड़ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सरकारी लैब की जांच में पुष्टि होने पर ही मलेरिया के मरीजों का रिकार्ड दर्ज किया जाता है।
निजी क्लीनिक व अस्पतालों में मलेरिया के अलावा वायरल फीवर के मरीजों की भरमार है। निजी लैब में हो रही जांच में रोजाना मलेरिया के मरीज सामने आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि चरक भवन में स्थित सेंट्रल लैब की जांच में पुष्टि होने के बाद ही मलेरिया व डेंगू के मरीजों का रिकार्ड रखा जा रहा है।
मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में उज्जैन जिले में डेंगू के 70 मरीज मिले थे। जबकि मलेरिया के दो ही मरीज सामने आए थे। एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी।
मलेरिया अधिकारी आरएस जाटव ने बताया कि इस साल भी करीब एक लाख गम्बूशिया मछलियां जिले के तालाबों में छोड़ी जाएगी। अगस्त के दूसरे सप्ताह से मछलियां छोड़ना शुरू हो चुका है। इसके अलावा मलेरिया व डेंगू के प्रति जागरूकता के लिए मलेरिया रथ भी निकाले जा रहे हैं।
मलेरिया अधिकारी जाटव ने गुरुवार को नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक की। इस वर्ष मच्छरजनित बीमारियां ना हो इसके लिए रोजाना फागिंग करने व साफ-सफाई करने को लेकर चर्चा की गई।