नईदुनिया, उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की एक युवा बाघिन, जो इंसानों पर हमला करने के चलते इंक्लोजर में कैद थी, अब वन विहार भोपाल के चिड़ियाघर में शिफ्ट कर दी गई है। यह फैसला उसके आक्रामक स्वभाव में सुधार न आने के कारण लिया गया। अब यह बाघिन खुली जंगल की आजादी की जगह पिंजरे में अपनी शेष जिंदगी बिताएगी।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) के बहेरहा इंक्लोजर में लंबे समय से रह रही एक बाघिन को अब स्थायी रूप से वन विहार भोपाल (Van Vihar Bhopal) भेज दिया गया है। यह बाघिन कई महीनों से मगधी रेंज के इंक्लोजर में बंद थी, जिसे सोमवार शाम विशेष शिफ्टिंग वाहन से रवाना किया गया।
इस बाघिन को पहले इंक्लोजर में इसलिए डाला गया था क्योंकि उसने कुछ समय पहले एक महिला और उसके बच्चे पर हमला कर दिया था। हमले में बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने बाघिन को पकड़कर इंक्लोजर में शिफ्ट कर दिया था।
डिप्टी फील्ड डायरेक्टर पी.के. वर्मा ने जानकारी दी कि बाघिन के स्वभाव में कोई खास सुधार नहीं आया। उसने इंसानों के प्रति अपनी हिंसक प्रवृत्ति में कोई बदलाव नहीं दिखाया। इसलिए, बाघिन को अब वन विहार भोपाल स्थानांतरित किया गया, जहां वह चिड़ियाघर में रहेगी।
बाघिन की उम्र महज तीन से चार साल के बीच है। यदि वह सामान्य व्यवहार करती तो भविष्य में जंगल में छोड़कर प्राकृतिक प्रजनन चक्र में योगदान दे सकती थी। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए वन विभाग को यह निर्णय लेना पड़ा कि उसकी सुरक्षा और इंसानों की सुरक्षा के लिहाज़ से उसे चिड़ियाघर में ही रखा जाए।
वन विहार पहुंचने से पहले विशेषज्ञों की टीम ने उसका हेल्थ चेकअप किया और उसके बाद सुरक्षित तरीके से ट्रांसपोर्ट किया गया। अब बाघिन वन विहार चिड़ियाघर का हिस्सा बन गई है, जहां उसे नियमित निगरानी में रखा जाएगा।