
नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया। जिले के जनपद पंचायत पाली की ग्राम पंचायत गोयरा में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां पति की मौत के बाद एक जीवित महिला को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया, जिससे उसका पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मामला नीता बाई, पत्नी स्वर्गीय सतेंद्र सिंह का है, जो अपने दो साल के बच्चे को गोद में लिए रोज पंचायत और जनपद कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं ताकि उनका नाम दोबारा परिवार की सूची में जुड़ सके। इस मामले का सबसे अहम पहलू यह है कि इतने गंभीर मामले में सीईओ जनपद पंचायत ध्यान नहीं दे रहे हैं और शिकायत पर कार्रवाई के लिए अभी तक उन्होंने कुछ नहीं किया है। सीईओ पीड़ित महिला को सिर्फ चक्कर कटवा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सतेंद्र सिंह की मृत्यु के बाद पंचायत ने समग्र पोर्टल से उनका नाम हटाया, लेकिन उसी प्रक्रिया में गलती से उनकी पत्नी नीता बाई का नाम भी मृतकों की सूची में चढ़ा दिया गया। समग्र आईडी 180949097 के अंतर्गत नीता बाई जीवित हैं और अपने घर में बच्चे के साथ रह रही हैं, फिर भी सरकारी व्यवस्था उन्हें मृत बताती है। इस तरह की लापरवाही के लिए तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन सीईओ जनपद पंचायत इस मामले को बिल्कुल साधारण मामला बताते हैं। इतना ही नहीं इस तरह के मामले के लिए सीईओ पाली पीड़ित को ही दोषी मानते हैं।
इस तकनीकी गलती ने पीडिता की जिंदगी को गहरे संकट में डाल दिया है। नाम हट जाने के कारण उन्हें राशन, पेंशन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया है। आर्थिक तंगी से जूझ रहीं नीता बाई अधिकारियों से बार-बार गुहार लगा रही हैं, लेकिन अब तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है। उनकी थकी हुई आंखें और चेहरे की मायूसी सिस्टम की संवेदनहीनता की पूरी कहानी बयां करती हैं।
यह भी पढ़ें- MP के विधायकों को हर साल मिलेंगे 5 करोड़ रुपए! विकास निधि की जाएगी दोगुनी
ग्राम पंचायत गोयरा के ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। कई अन्य परिवारों के नाम भी बिना जांच-पड़ताल के समग्र पोर्टल से हटा दिए गए हैं, जिससे गरीबों को महीनों तक सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि तकनीकी खामियों और अफसरशाही की लापरवाही ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, जबकि सुधार के नाम पर सिर्फ फाइलें खिसक रही हैं। नीता बाई ने इस संबंध में जनपद पंचायत पाली के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित आवेदन देकर अपना नाम पुनः जोड़ने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नीता बाई ने आरोप लगाया है कि जनपद के सीईओ इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।