उमरिया, बिरसिंहपुर पाली। जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र मे कार्यरत ओल्ड सीएचपी के लगभग 700 ठेका कर्मचारी राखी जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के दिन हड़ताल पर चले गये हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले 11 महीनों से उन्हें एरियर्स और बोनस का भुगतान नहीं किया गया है, साथ ही वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा। कर्मचारियों ने बताया कि बार-बार प्रबंधन से गुहार लगाने के बावजूद आश्वासन तो मिलता है लेकिन भुगतान का कहीं अता-पता नहीं है। कर्मचारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा, आज राखी है, हमारी बहनें पूरा साल इस दिन का इंतजार करती हैं, लेकिन हमारे पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं है। त्योहार के दिन खाली जेब होने से बड़ी बेइज्जती क्या होगी?
ठेका कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आका लॉजिस्टिक कंपनी और प्लांट प्रबंधन द्वारा उनका न केवल आर्थिक शोषण किया जा रहा है, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है। अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। जो मजदूर रोजाना मेहनत करके प्लांट की उत्पादन प्रक्रिया को सुचारू रखते हैं, उनके सांथ हो रहे सलूक पर प्रबंधन भी मौन ही रहता है।
आका लॉजिस्टिक कंपनी के मैनेजर किशानू चटर्जी से भी इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया। कर्मचारियों का कहना है कि जब भी वेतन या बोनस की मांग होती है, कंपनी के जिम्मेदार या तो फोन नहीं उठाते या फिर टालमटोल करते हैं।त्योहार के दिन मजदूरों के घरों में मायूसी का माहौल है। कई कर्मचारियों ने बताया कि वे बच्चों और बहनों के लिए नए कपड़े और उपहार लाने की योजना बना रहे थे, लेकिन पैसे न मिलने से सब धरा का धरा रह गया। कर्मचारीयों ने भावुक होकर कहा, हम पूरे साल दिन-रात मेहनत करते हैं, पर हमें हमारे हक का पैसा नहीं मिलता। त्योहार का दिन भी हमारे लिए दुख का दिन बन गया।
मजदूरों ने राज्य सरकार और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से मांग की है कि संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र में ठेका कर्मचारियों के वेतन, एरियर्स और बोनस भुगतान की समस्या का तुरंत समाधान किया जाए। साथ ही, ठेका कंपनी के खिलाफ लापरवाही और शोषण के मामलों में जांच की जाए। संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र जैसे बड़े उद्योग में अगर 700 ठेका कर्मचारी एक साथ हड़ताल पर उतरते हैं, तो यह केवल श्रमिकों की समस्या नहीं बल्कि प्रबंधन की नाकामी का भी सबूत है। मुख्य अभियंता और ठेका कंपनी की चुप्पी मजदूरों के आक्रोश को और भड़का रही है। जब तक जिम्मेदार अधिकारी अपनी भूमिका निभाकर मजदूरों को उनका हक नहीं दिलाते, तब तक इस तरह की हड़तालें और विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।