.webp)
संजय कुमार शर्मा, नईदुनिया: उमरिया। मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में अगले पर्यटन सत्र में पर्यटकों के लिए रोमांच को दोगुना करने की तैयारी की जा रही है। इसकी शुरुआत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर बफर जोन से किए जाने की उम्मीद है। अक्टूबर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र के दौरान प्रदेश के टाइगर रिजर्व में फुल-डे सफारी की योजना पर काम किया जा रहा है।
फुल-डे सफारी यानी पर्यटक सुबह जंगल में प्रवेश करेंगे और शाम को बाहर आएंगे। दरअसल, कुछ घंटे की सफारी में पर्यटक संतुष्ट नहीं हो पाते, ऐसे में उनके लिए फुल-डे सफारी किसी तोहफे से कम नहीं है।
अगले सत्र में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से जिस तरह से फुल-डे सफारी के शुरू होने की संभावना जताई जा रही है, उसका स्वरूप अलग होगा। यह आम पर्यटकों के लिए फुल-डे सफारी होगी, जिसका शुल्क भी अलग होगा, साथ ही जंगल के अंदर सारा दिन रहने वाले पर्यटकों की भोजन-पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी स्थानीय लोगों की मदद से व्यवस्थाएं की जाएंगी। - पीके वर्मा, डिप्टी फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
मानपुर बफर में फुल-डे सफारी शुरू होने के बाद सुबह की पारी में जंगल के अंदर प्रवेश करने वाले पर्यटकों के पास दो विकल्प रहेंगे। अगर वे सुबह की पारी की ही बुकिंग कराते हैं और जंगल के अंदर जाने के बाद उनका मन फुल-डे सफारी करने का होता है तो भी वे फुल-डे सफारी कर सकेंगे। इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जिससे पर्यटक अपनी हाफ-डे सफारी को फुल-डे सफारी में परिवर्तित करा सकें।
जंगल के अंदर जाने के बाद पर्यटकों का मन वापस बाहर आने का होता ही नहीं है। वापसी के समय पर आमतौर पर पर्यटक जिप्सी चालकों से वाहन की गति और कम करने का आग्रह सिर्फ इसलिए करते हैं ताकि उन्हें जंगल के अंदर कुछ और समय मिल सके। कई बार सफारी के दौरान पर्यटकों को बाघ दिखाई नहीं देता, तब भी उनका मन वापस आने का नहीं होता है। फुल-डे सफारी के दौरान पर्यटकों का रोमांच बढ़ जाएगा और वे ज्यादा समय तक जंगल के अंदर रह सकेंगे।
ऐसा नहीं है कि अभी टाइगर रिजर्व में फुल-डे सफारी नहीं हो रही है। अभी भी टाइगर रिजर्व के कोर जोन में फुल-डे सफारी कराई जाती है पर इसका स्वरूप अलग है। इसके लिए भोपाल से विशेष अनुमति लेनी होती है और इसका शुल्क भी 50 हजार रुपये प्रतिदिन से ज्यादा है।
इस तरह की अनुमति फिलहाल चैनल डाक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग और शोध कार्यों के लिए लेते हैं। इस तरह की सफारी के दौरान कैमरों का शुल्क भी अलग से जमा कराया जाता है, साथ ही कई तरह के अन्य शुल्क भी जोड़े जाते हैं।