
हेल्थ डेस्क, इंदौर। आजकल मार्केट में आदिवासी हेयर ऑल का बहुत प्रचार है। इस तेल की खासियत है कि इसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियां डाली जाती है। इस तेल के इस्तेमाल से बालों की समस्याएं दूर होती हैं। सोशल मीडिया पर चल रहे प्रचार से सावधान रहने की भी जरूरत है, क्योंकि कई बार नकली आदिवासी तेल भी दे दिया जाता है। यह आपके बालों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
सबसे अच्छा रहेगा कि आप घर पर बने आदिवासी तेल का इस्तेमाल करें। यह आपके बालों को झड़ने से रोकेगा। आपके बालों में डैंड्रफ की समस्या नहीं होगी।
आदिवासी हेयर ऑयल बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों और नारियल के तेल का इस्तेमाल कर बालों को मजबूती, उनको चमकदार बना सकते हैं। नीचे दिए गए तरीके से आप इसे बना सकते हैं-
सामग्री:
| नारियल का तेल | 200 मिलीलीटर | 
| मेथी के बीज | 2 टेबलस्पून | 
| कढ़ी पत्ता | 10-15 पत्ते | 
| आंवला (सूखा या ताजा) | 1/4 कप | 
| नीम के पत्ते | 10-15 पत्ते | 
| ब्राह्मी (पाउडर या ताजे पत्ते) | 1 टेबलस्पून | 
आप ताजा आंवला, कढ़ी पत्ता और नीम के पत्ते को अच्छी तरह धोकर सुखा लें। मेथी के बीजों को हल्का पीस लें, जिससे वे तेल में अच्छी तरह मिल जाएं।
एक कढ़ाई में नारियल का तेल डालें और उसे धीमी आंच पर गरम कर लें।
तेल के हल्का गरम हो जाने पर इसमें मेथी के बीज, आंवला, कढ़ी पत्ता, नीम के पत्ते, और ब्राह्मी डाल दें। इनको धीमी आंच पर पकाएं। इसका रंग गहरा हो जाए और इसमें से खुशबू आने लगे, तो गरम करना बंद कर दें। उसके बाद इसको ठंडा होने दें।
ठंडा हो जाने के बाद इस मिश्रण को एक बारीक कपड़े या छलनी से छान लें, जिससे केवल तेल ही बचेगा। सारी जड़ी-बूटियां छन जाएगी।
आप तेल तैयार होने के बाद एक साफ और सूखे कांच के बोतल में भरकर स्टोर कर लें।
आदिवासी हेयर ऑयल से हफ्ते में 2-3 बार बालों की जड़ों में अच्छी तरह मसाज करें। इसे कम से कम 1 घंटे तक बालों में रहने दें या रात भर के लिए छोड़ दें। उसके बाद सुबह शैंपू से धो लें।
