हेल्थ डेस्क, इंदौर। Children Eye Problem: जीवनशैली में बदलाव और स्क्रीन के बढ़ते उपयोग के कारण बहुत कम उम्र के बच्चों में आंखों का नंबर बढ़ने (मायोपिया) की समस्या बहुत अधिक देखने में आ रही है। नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ. पलक अग्रवाल के मुताबिक, आधुनिक तकनीक से अब इन बच्चों के चश्मे का नंबर बढ़ने से रोका जा सकता है। समय पर निदान एवं उपचार करने से एक बेहद गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। मायोपिया, जिसमें दूर का धुंधला दिखाई देता है।
मायोपिया आंख के कार्निया और आंखों की लंबाई के कारण होता है, जिससे प्रकाश की किरणें आंख के रेटिना पर ढंग से केंद्रित नहीं हो पाती है। इस बीमारी के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक होना चाहिए, ताकि इस गंभीर समस्या से निजात मिल सके। स्वजन अपने बच्चों को दिखाने लाते हैं, उन्हें यह भी नहीं मालूम है कि चश्मे का नंबर बढ़ने से रोका जा सकता है। ज्यादातर स्वजन यहीं मानकर चलते हैं कि नंबर लगातार बढ़ता ही जाएगा।
अब नवीनतम मल्टीफोकल चश्मे लगाने, काॅन्टेक्ट लेंस के उपयोग एवं आंखों की ड्रॉप के इस्तेमाल से बेहतर परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। रात में पहने जाने वाला कान्टैक्ट लेंस जिसे आर्थोकरेटोलाजी कहा जाता है, भी उपयोग किया जा सकता है। यह लेंस आंख की सतह को धीरे-धीरे रीशेप करता है, ताकि दिन में बिना चश्मे के स्पष्ट दृष्टि मिल सके।
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