अक्सर जांचों को लेकर लोग सही जानकारी नहीं लेते। यदि डॉक्टर ने बता दिया तो ठीक, लेकिन किसी कारणवश वह भूल गये तो जांच के परिणाम गड़बड़ा सकते हैं। अधिकांश लोग अब यह जानते हैं कि ब्लड शुगर की जांच के लिए फास्टिंग यानी खाली पेट भी जाना होता है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल के लिए जाने से पहले भी क्या यही नियम लागू होता है? आईये करीब से जानें।
थोड़ा जरूरी, अधिक मुसीबत
शरीर को अपने कार्य सुचारू रूप से चलाने के लिए कोलेस्ट्रॉल की कुछ मात्रा की आवश्यकता भी होती है। शरीर खुद भी कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है और कुछ भोजन से मिल जाता है। लेकिन, कोलेस्ट्रॉल के स्तर का आवश्यकता से अधिक बढ़ जाना खतरे खड़े कर सकता है। इसलिए समय-समय पर इसकी जांच करवाते रहना जरूरी है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार सामान्य वयस्क (20 वर्ष से ऊपर) को हर 4-6 साल में यह जांच करवानी चाहिए।
खाली पेट या नहीं?
अब प्रश्न यह उठता है कि यह जांच खाली पेट करवानी चाहिए या भोजन के बाद। यह असमंजस इसलिए हुआ क्योंकि पहले कुछ विशेषज्ञ यह मानते थे कि कोलेस्ट्रॉल की जांच के पहले खाली पेटरहने से रिजल्ट ज्यादा सटीक आते हैं। वो मानते थे कि आपका लो डेंसिटी लिपोप्रोटींस यानी बुरे कोलेस्ट्रॉल तथा ट्राईगिल्सराइड्स का स्तर आपके द्वारा टेस्ट के कुछ ही पहले किये गये भोजन से प्रभावित हो सकता है। लेकिन अब विशेषज्ञ मानते हैं कि इस जांच के पहले खाली पेट रहना सबके लिए जरूरी नहीं है। उनके अनुसार वे लोग जो कि स्टेटिंस यानी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने वाली दवाओं का सेवन नहीं करते, उन्हें इस जांच के पहले खाली पेट रहने की आवश्यकता नहीं है। खाली पेट जांच तब ही करवाएं जब डॉक्टर आपको ऐसा करने को कहे।
समय का रखें ध्यान
यदि डॉक्टर आपको खाली पेट जांच करवाने को कहते हैं तो इसका मतलब होता है कि आपको टेस्ट के 9 -12 घंटे पहले से खाना बंद करने की सलाह दे रहे हैं। इसलिए ही अमूमन इन जांचों के लिए सुबह का समय चुना जाता है क्योंकि रात को भोजन के बाद से सुबह उठने के बाद आप खाली पेट ही होते हैं। इसके बाद कुछ समय और खाली पेट निकाला जा सकता है। इससे नियमित रूटीन को भी अधिक अनियमित करने की जरूरत नहीं होती। तो जब भी डॉक्टर इस जांच के लिए कहें, उनसे समय के बारे में जरूर पूछें।