Diabetes: अनियंत्रित शुगर के मरीज बरतें सावधानी, वरना जा सकती है आंखों की रोशनी
अनियंत्रित शुगर के मरीजों की आंखों को खराब होने का खतरा है। ऐसे में मरीजों को समय-समय पर आंखों की जांच जरूर कराना चाहिए।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 08 Jun 2023 07:31:04 AM (IST)
Updated Date: Thu, 08 Jun 2023 07:31:04 AM (IST)

Diabetes: अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डा. सुभाष मिश्रा बतातें हैं, अनियंत्रित शुगर के मरीजों की आंखों को खराब होने का खतरा है। ऐसे मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी आंख की रेटिना के पीछे की नसों को नुकसान पहुंचाने लगता है। नसें धीरे-धीरे सूखने लगती हैं। नसों में खून आ जाता है। पहले तो धुंधलापन होता है, फिर धीरे-धीरे दिखना बंद और अंतत: आंखें पूरी तरह खराब हो जाती हैं। शुगर के 23 से 27 प्रतिशत तक मरीज डायबिटिक रेटिनोपैथी की जद में आते हैं।
शुगर की समस्या लगातार बढ़ रही
फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 15 से अधिक आयु की नौ प्रतिशत महिलाओं व 10.8 प्रतिशत पुरुषों को शुगर है। अनियमित जीवनशैली की वजह से लोगों में शुगर की समस्या लगातार बढ़ रही है। पिछले तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ में 21,790 डायबिटिक रेटिनोपैथी के मामले सामने आए हैं।
आंखों की समस्या को लेकर जागरूकता जरूरी
डायबिटिक रेटिनोपैथी की रोकथाम और जागरूकता को लेकर शासन कार्यक्रम चला रही है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना जरूरी है। आंख से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत होने पर शासकीय अस्पतालों में जाकर जांच व इलाज कराएं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण और बचाव
एक्सपर्ट के मुताबिक अनियंत्रित शुगर वाले मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी आंख की रेटिना के पीछे की नसों को नुकसान पहुंचाने लगती है। नसें धीरे-धीरे सूखने लगती हैं। नसों में खून आ जाता है। पहले तो धुंधलापन होता है, फिर धीरे-धीरे दिखना बंद और अंतत: आंखें पूरी तरह खराब हो जाती है। इसके बचाव के लिए शुगर का नियंत्रित होना, समय-समय पर आंखों की जांच व लक्षण होने पर इलाज जरूरी है।