Persistant Cough and H3N2 Virus: मौसम बदलने के साथ ही सर्दी-खांसी की समस्या आम हो गई है। आम तौर पर घरेलू उपायों या केमिस्ट से ली गई दवा या सिरप से इसका इलाज हो जाता है। लेकिन अगर खांसी लगातार हो रही हो, तो सावधान होने की जरुरत है। हो सकता है, जिसे आप आम खांसी समझ रहे हों, वो H3N2 जैसे खतरनाक वायरस की वजह से हो। ऐसे में बिना डॉक्टरी सलाह के इलाज करना नुकसानदेह साबित हो सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में H3N2 वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है।
H3N2 वायरस, इन्फ्लुएंजा-ए वायरस का एक प्रकार है। इस संक्रमण की चपेट में आने वाले व्यक्ति को खांसी, सर्दी-जुकाम, बुखार, शरीर में दर्द, सिर दर्द आदि लक्षण महसूस होते हैं। फिलहाल जो मामले सामने आ रहे हैं, उन्हें देखकर ये कह सकते हैं कि इन्फ्लूएंजा का नया स्ट्रेन जानलेवा नहीं है। लेकिन मरीज को अस्थमा या सांस से जुड़ी तकलीफ है, तो उसके लिए ये संक्रमण जानलेवा बन सकता है। अगर मरीज को संक्रमण के दौरान सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए।
एक्सपर्ट ये मानते हैं कि H3N2 वायरस, इन्फ्लूएंजा के अन्य वायरस के मुकाबले, ज्यादा गंभीर होता है। इस वायरस की चपेट में आने वाले लोग तेज बुखार, खांसी, गले में संक्रमण, जुकाम आदि की शिकायत करते हैं। ICMR के मुताबिक इस वायरस की चपेट में आने पर बुखार 3 दिनों के बाद ठीक होने लगता है। लेकिन खांसी की समस्या 3 हफ्ते तक बनी रह सकती है। ऐसे में अगर आपको लगातार खांसी आ रही हो, तो डॉक्टर से जरुर मिलें। 15 से कम और 50 के ऊपर उम्र वाले लोगों को इस संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इस वायरस को स्प्रिंग इन्फ्लुएंजा के नाम से भी जाना जाता है। अगर फ्लू का वैक्सीन भी नहीं लगा हो, इस संक्रमण की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है।