Health News: खरगोन। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आजकल जंग फूड व पैकेट वाली खाद्य सामग्रियों का उपयोग होने लगा है, जिससे हार्ट अटैक, पैरालिसिस जैसी कई समस्याएं लोगों में देखने को मिल रही है। पहले 50 की उम्र के बाद हार्ट अटैक आता था, लेकिन अब 20 साल की उम्र में ही यह आ जाता है। कोरोना काल के बाद से युवाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिली रही है। इसका एक कारण हमारी जीवन शैली और खानपान भी है। यह बात बुधवार को नईदुनिया कार्यालय में खरगोन जिला अस्पताल से पहुंचे एमबीबीएस व डीटीसीडी डा. हर्ष महाजन ने लोगों से फोन पर सवाल करने के दौरान कही।
हार्ट अटैक में सीपीआर
उन्होंने बताया कि कुछ शारीरिक समस्याएं ऐसी हैं, जो अकस्मात होती हैं। हार्ट अटैक, स्ट्रोक, पैरालिसिस और दुर्घटना में चोट ऐसी स्थितियों में आमतौर पर लोग समझ नहीं पाते कि उन्हें क्या करना है, किस तरह से उपचार लेना या देना है। इसकी सही जानकारी होना अनिवार्य है। हार्ट अटैक में तो हम सीपीआर दे देते हैं। साथ ही अन्य ऐसे तरीके अपनाते हैं। जिससे मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके, लेकिन घटना, दुर्घटना में भी हमें ध्यान रखना चाहिए की मरीज को किस तरह से प्राथमिक उपचार केंद्र तक पहुंचाया जाए।
दुर्घटना के वक्त रखें खास ध्यान
इसके लिए दुर्घटना के बाद उस मरीज ध्यान से देखे की वह किस स्थिति में है। यदि उसके सिर या अंग के शारीरिक अंग में चोट आई है तो उस हिस्से को किसी कपड़े या अन्य ऐसी वस्तु से बांध दे जिससे रक्त का रिसाव ना हो। साथ ही यदि वह बेहोश ना हुआ हो तो उसे करवट दिला दे और कुछ पीने और खाने को ना दें और जल्दी से मरीज को अस्पताल पहुंचाए, जिससे डाक्टर उसका इलाज कर सकें।
इन लोगों ने फोन पर पूछे अपने सवाल
सवाल - यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है तो हम स्वयं क्या उपचार दे सकते हैं? -रूपेंद्र सेन, खरगोन
जवाब - हार्ट अटैक आने से पहले मरीज में उसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिसकी पहचान होना जरूरी है। इसमें सीने में जलन होना, श्वास लेने में परेशानी होना, जी घबराना, टखने और हाथों में दर्द होना, उलटी आना, यदि मरीज में ऐसे लक्षण है तो उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं। यदि हार्ट अटैक आ गया हो तो उसे जमीन पर लेटाकर सीपीआर दें। साथ ही उसे अपने मुंह से श्वास दें। जिससे उसे कुछ राहत मिले और तुरंत ही अस्पताल ले जाए।
सवाल - गले में खरास बनी रहती है, जिससे भोजन करने में भी परेशानी होती है? - कमल कुमरावत, महेश्वर
जवाब - नमक के पानी से गरारे करें। साथ ही अभी मौसम के परिवर्तन होने के कारण मौसमी बीमारियों हो रही हैं। जैसे सर्दी, जुखाम, पेट की समस्या। इसके लिए जिला अस्पताल में पहुंचकर जांच करवाएं। जिससे आप की बीमारी का पता चल सके। साथ ही सही उपचार मिल सके।
सवाल - पेरालिसिस अटैक होने से पहले मरीज में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? - गिरीश चांडक, खरगोन
जवाब - इसमें व्यक्ति को कमजोरी आना, मुंह तेड़ा होना, आंखों के सामने अंधेरा आना या बंद होना, चक्कर आना, आवाज चली जाना या बोलने में लड़खड़ाना। इसलिए यदि ऐसा होता है तो व्यक्ति यदि पहले से बीपी व शुगर का मरीज हो तो उसकी तुरंत जांच करवाएं, जिससे यह पता जगाया जाए सके की किस तरह का पेरालिसिस है। साथ ही बीपी व शुगर के मरीजों में पेरालिसिस होने की समस्या ज्यादा होती है। इसके लिए मरीज एक महीने में अपनी जांच करवाते रहें।
सवाल - मेरे छह साल के बच्चे का पेट साफ नहीं होता और दर्द बना रहता है? -अतिक खान, खरगोन
जवाब - जिला अस्पताल में जाकर सबसे पहले उसकी जांच करवाएं। जिससे पता लगाा जा सके की किसके कारण इस तरह की परेशानी हो रही है। साथ ही उसके खान पान का ध्यान रखें। साथ ही साफ या उबले हुए पानी को ठंडा करके पिलाएं और जांच के बाद समस्या का पता चलने पर इसका उपचार पूरा करवाएं। जिससे भविष्य में कोई समस्या ना हो।
Posted By: Prashant Pandey
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