Health News: आपने अक्सर नोटिस किया होगा कि जब भी आपको कोई चोट या मोच लग जाती है तो आपके शरीर का वह हिस्सा फूलकर सूज जाता है। इसे सूजन कहते हैं। अब इसे लेकर एक नया शोध किया गया है। इसमें यह बताया गया है कि मनुष्य की त्वचा पर सूजन के क्या प्रभाव होते हैं। मानव शरीर को वायरस व पर्यावरण के कुप्रभावों से बचाने में त्वचा एक दीवार की भूमिका निभाती है। यह मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग भी है। जिस किसी ने कभी सनबर्न का अनुभव किया हो, वह जानता है कि जब यह दीवार दरकती है, तो दर्द देने वाली सूजन पैदा हो जाती है। हालांकि, हाल तक यह स्पष्ट नहीं था कि ऐसा क्यों होता है।
जर्मनी स्थित यूनिवर्सिटी हास्पिटल बान के शोधकर्ताओं ने हाल ही में इस रहस्य से पर्दा उठाया है। शोधकर्ताओं के नेतृत्वकर्ता प्रो. फ्लोरियन श्मिट के अनुसार, "हमने अपने अध्ययन में त्वचा की सूजन की प्रक्रिया पर गौर किया। पराबैंगनी किरणों में काफी ऊर्जा होती है। जब ये त्वचा पर पड़ती हैं, तो कोशिका के महत्वपूर्ण अणुओं को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके कारण सूजन पैदा हो जाती है। हालांकि, अब तक साफ नहीं था कि ऐसा कैसे होता है।
अब हम बता सकते हैं कि कोशिकाओं में बदलाव के कारण सूजन पैदा होती है।" राइबोसोम, आमतौर पर आनुवंशिक सामग्री के निर्देशों के आधार पर प्रोटीन इकट्ठा करते हैं। जब उन्हें नुकसान पहुंचता है, तो वे संकेत देते हैं। ऐसा सिग्नलिग कैस्केड के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप पी-38 नामक एंजाइम सक्रिय हो जाता है। प्रो. श्मिट के अनुसार, "शोध में पाया गया कि पी-38 आणविक रूप से एनएलआरपी-1 को रूपांतरित करता है, जिसके कारण त्वचा में सूजन पैदा होती है।"